Video: मरीज ने हाथ जोड़े, इलाज के लिए याचना की, लेकिन मिली मौत, वायरल हो रहा वीडियो

Video: मरीज ने हाथ जोड़े, इलाज के लिए याचना की, लेकिन मिली मौत, वायरल हो रहा वीडियो

लखनऊ, अमृत विचार। एक मरीज का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें वह जान बचाने के लिए डॉक्टर के हाथ जोड़ रहा है, याचना कर रहा है, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं होती है। वायरल संदेश में बताया जा रहा है कि इलाज में देरी के चलते बाद में मरीज की मौत हो गई। मरीज का नाम अबरार बताया जा रहा है। हालांकि इस वायरल वीडियो और संदेश का अमृत विचार पुष्टि नहीं करता है।

दरअसल, सोमवार को एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह वायरल वीडियो किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के लॉरी कॉर्डियोलॉजी का बताया जा रहा है, जिसमें मरीज बेड पर भर्ती है और इलाज के लिए हाथ जोड़ रहा है, लेकिन वहां मौजूद चिकित्सक और अन्य स्टाफ उन पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इसी बीच मरीज के परिजन की तरफ से मरीज का वीडियो बना लिया जाता है, वीडियो में युवक यह कहते हुये सुना जा  सकता है कि मरीज के खून बह रहा है, कोई देखने वाला नहीं है। युवक बोल ही रहा था कि वार्ड में मौजूद किसी महिला कर्मचारी ने युवक पर चिल्लाना शुरू कर दिया, जिससे युवक वार्ड के बाहर भाग खड़ा हुआ।

केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया है कि 60 वर्षीय बुजुर्ग मरीज को दिल की गंभीर बीमारी थी। वर्ष 2018 में कोरोनरी आर्टरी डिजीज की पुष्टि हुई थी। 

उसके बाद मरीज ने एंजियोप्लास्टी कराई थी। एंजियोप्लास्टी के बाद डॉक्टर ने समय-समय पर जांच के लिए बुलाया था। लेकिन मरीज उसके बाद ओपीडी में फालोअप के लिए नहीं आए। तबीयत बिगड़ने पर मरीज को हार्ट फेलियर की गंभीर अवस्था में इमरजेंसी में लाया गया। जहाँ डॉक्टरों ने तुरंत भर्ती कर ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा। जरूरी जांच कराई गई। मरीज की हालत गंभीर थी। हार्ट फेलियर व सांस लेने में तकलीफ की वजह से डॉक्टरों ने वेंटीलेटर की जरूरत बताई। दुर्भाग्य से लारी कॉर्डियोलॉजी के सभी आईसीयू-वेंटीलेटर बेड फुल थे। मरीज की जान बचाने के लिए डॉक्टरों की टीम जुट गई, जरूरी दवाएं दी गईं। ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया। मरीज को तुरंत संजय गांधी पीजीआई व डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान ले जाने की सलाह दी गई, रेफरेंस लेटर भी दिया गया। मरीज को दूसरे संस्थान ले जाने के लिए केजीएमयू से एम्बुलेंस भी उपलब्ध कराई गई थी। सारे प्रयास के बावजूद दुर्भाग्य से मरीज को बचाया नहीं जा सका।

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