कानपुर के COD पुल में कभी भी हो सकता हादसा: चार साल में ही सड़क उखड़ी...दिख रही बजरी, अक्सर अधिकारियों व मंत्रियों का होता आवागमन
सड़क पर गड्ढों में डगमगा रहे वाहन
कानपुर, अमृत विचार। शहर का बहुचर्चित सीओडी पुल एक बार फिर से चर्चा में आ गया है। पुल से आवागमन के दौरान वाहनों के पहिये डगमगा रहे हैं, जिसकी वजह से कई बार हादसे बचे हैं. इस पुल से निकलने के दौरान सबसे अधिक समस्या छोटे टायरों वाले वाहनों को हो रही है। पुल की सड़क उखड़ गई है और बजरी फैली है, जिसमे फिसलकर बाइक व स्कूटी सवार चुटहिल हो जाते हैं। पुल का डिवाइडर भी क्षतिग्रस्त हो गया है।
सीओडी पुल को बनने में भले ही 11 से 12 साल का वक्त लगा, लेकिन यह पुल बनने के चार साल बाद ही जवाब देने लगा है। पुल से निकलने के दौरान सरिया तक भी बीच में दिखने लगी थीं। पुल की बिटुमिन सरफेस उखड़ने से दो दर्जन से भी ज्यादा गड्ढे हो गए हैं और सड़क खस्ताहाल है। डिवाइडर की दीवार भी क्षतिग्रस्त हो गई है और बीच में सरिया दिखने लगी है।
इस पुल से अधिकारियों व मंत्रियों का आवगमन लगा रहता है, तब भी सेतु निगम के जिम्मेदार अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं। इन गड्ढों को कब भरा जाएगा और सड़क फिर से कब तक सही हो सकेगी, इसकी जानकारी के लिए जब सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक विजय कुमार सेन को फोन किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल नहीं रिसीव की।
55.48 करोड़ की लागत से बना था पुल
26 नवंबर 2008 को सीओडी पुल निर्माण को हरी झंडी मिली थी। इसके लिए शासन से 750 मीटर पुल के लिए 34.41 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत हुआ था। निर्माण एजेंसी से करार खत्म होने के बाद दो साल देरी से शुरू हुआ। पीडब्ल्यूडी की राष्ट्रीय राजमार्ग इकाई ने पुल को 55.48 करोड रुपये से बनाया, लेकिन कंपनी द्वारा किस तरह से पुल पर सड़क निर्माण का कार्य किया गया है, उसकी पोल पट्टी अब खुलने लगी है। पुल की सड़क उखड़कर गड्ढेनुमा व बजरी में तब्दील होने लगी है।