Sambhal Violence : चार मौतें, सड़कों पर आगजनी और पत्थरबाजी....तस्वीरों में देखिए खौफनाक मंजर
संभल। अदालत के आदेश पर संभल की जामा मस्जिद में दोबारा सर्वे के दौरान रविवार को बड़ा बवाल हो गया। सर्वे का विरोध कर रही एक समुदाय के लोगों की भीड़ ने पुलिस पर जमकर पथराव किया, फायरिंग भी की गई। सड़क किनारे खड़े वाहनों में आग लगा दी, जिससे कार व बाइकें जलकर खाक हो गईं। बवाल में 4 लोगों की मौत हुई है। आलम ये था कि सड़कों पर ईंट-पत्थरों व चप्पलों के ढेर लग गए। बाद में इनको हटाने के लिए नगर पालिका की टीमें लगानी पड़ीं। डीजीपी हालातों पर नजर बनाए हुए हैं। पालिका के कर्मचारियों ने कई ट्रैक्टरों में इन ईंट-पत्थरों व चप्पलों को भरकर रास्ता साफ करवाया। साथ जेसीबी की मदद से जले हुए वाहनों को सड़क से हटवाया।
वहीं पथराव और फायरिंग एसपी, एएसपी, सीओ व डिप्टी कलेक्टर समेत 19 पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। एक सिपाही को गंभीर हालत में रेफर किया गया है। संभल में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कई जनपदों का पुलिस बल लगाया गया है। कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह, एडीजी रमित शर्मा और डीआईजी मुनिराज जी संभल में ही कैंप किए हुए हैं।
वहीं रविवार शाम को इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गईं। इसके साथ ही जिलाधिकारी के निर्देश पर संभल नगर, पंवासा विकास खंड क्षेत्र और असमोली विकास खंड क्षेत्र में सोमवार को इंटरमीडिएट तक के विद्यालयों में अवकाश घोषित किया गया है। बवाल के बाद संभल का बाजार पूरी तरह बंद रहा और दिनभर सन्नाटा पसरा रहा।
संभल की जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने को लेकर मंगलवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में वाद दायर किया गया था। अदालत के आदेश पर मंगलवार शाम को ही अधिवक्ता आयुक्त ने जामा मस्जिद में सर्वे की कार्रवाई की थी। दूसरे चरण के सर्वे के लिए रविवार को सुबह 7 बजे से 11 बजे तक का समय निर्धारित किया गया था।
दूसरी बार सर्वे की कार्रवाई के मद्देनजर जामा मस्जिद के साथ ही शहर भर में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। सुबह 7 बजे जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया और पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई के साथ अदालत द्वारा नियुक्त अधिवक्ता आयुक्त, अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन जामा मस्जिद कमेटी के लोगों के साथ सर्वे की कार्रवाई के लिए जामा मस्जिद परिसर में दाखिल हुए।
दो घंटे तक सर्वे की कार्रवाई शांतिपूर्ण तरीके से चलती रही, लेकिन इस दौरान जामा मस्जिद के बाहर भीड़ जुटनी शुरू हो गई। पुलिस ने लोगों को समझा-बुझाकर वापस भेजने के तमाम प्रयास किए लेकिन भीड़ बढ़ती चली गई। इस हालात में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक खुद जामा मस्जिद से निकलकर बाहर आए और भीड़ को वापस भेजने का प्रयास किया। वापस जाने के बजाय भीड़ ने उग्र तेवर दिखाकर जामा मस्जिद की तरफ बढ़ना शुरू कर दिया।
पुलिस ने सख्ती से रोकने का प्रयास किया तो भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। अचानक तीन तरफ से पथराव हुआ तो पुलिस को कदम पीछे हटाने पड़े। ऐसे में भीड़ जामा मस्जिद के नजदीक तक आ गई तो पुलिस ने आंसू गैस व रबर बुलेट के फायर कर भीड़ को रोकने के प्रयास किए। इस बीच वहां फायरिंग की आवाजें भी सुनाई देनी लगीं। उत्तेजित भीड़ ने ड्यूटी पर आए दरोगा की स्विफ्ट कार सहित दो कारों और चार-पांच बाइकों को आग के हवाले कर दिया।
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