लखनऊ के लखनऊ यूनिवर्सिटी में आपका स्वागत है...विश्वविद्यालय मना रहा 104 वा स्थापना दिवस

104 वर्ष के सफर में लविवि ने हासिल किए कई मुकाम

लखनऊ के लखनऊ यूनिवर्सिटी में आपका स्वागत है...विश्वविद्यालय मना रहा 104 वा स्थापना दिवस

लखनऊ, अमृत विचार:  लखनऊ विश्वविद्यालय अपना 104 वां स्थापना दिवस मना रहा है। 1920 में स्थापित लखनऊ विश्वविद्यालय सोमवार को अपनी स्थापना के 104 वर्ष पूरे कर लेगा। उच्च शिक्षा के सबसे पुराने सरकारी स्वामित्व वाले संस्थानों में एक लखनऊ विश्वविद्यालय ने देश ही नहीं दुनिया में अपनी प्रतिष्ठा स्थापित की है। विवि ने एनएसी ए डबल प्लस ग्रेडिंग प्राप्त की है। 12 संकाय वाले विश्वविद्यालय से पांच जिले के 561 महाविद्यालय संबद्ध हैं। 22 स्नातक और 155 परास्नातक कार्यक्रम यहां संचालित हैं। अकेले विवि परिसर में 20 हजार छात्र-छात्राएं और शोधार्थी अध्ययनरत हैं जबकि विवि में पंजीकृत कुल छात्रों की संख्या 4 लाख 20 हजार है।विश्वविद्यालय में शिक्षकों की संख्या 550 है।

नई शिक्षा नीति लागू करने वाला देश की पहला विश्वविद्यालय

लखनऊ विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति लागू करने वाला देश का पहला विश्वविद्यालय है। परास्नातक में 2020 और स्नातक पाठ्यक्रमों में 2021 में नई शिक्षा नीति लागू कर दी गई। एनआईआरएस जैसी प्रतिष्ठित ग्रेडिंग में विश्वविद्यालय ने शुरुआत के 100 स्थानों में अपनी प्रतिष्ठा बनाई है। ऑनलाइन पीजी और यूजी पाठयक्रम शुरू करने वाला प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय बन गया है। पार्ट टाईम पीएचडी, पार्टटाईम एमटेक पाठ्यक्रम लागू करने में पहले स्थान पर है। अब विवि परिसर 219.01 एकड़ में फैला है।


ये है लविवि का इतिहास

1857 के विद्रोह की चिंगारी मध्यम होने पर अंग्रेजों ने राजनीति, राजस्व और शिक्षा समेत अनेक मुद़दों पर समीक्षा शुरू कर दी थी। उसी दौर में 1864 को हुसैनाबाद कोठी में लॉर्ड कैनिंग के नाम से कैनिंग कॉलेज की स्थापना हुई। बादशाह बाग से वर्तमान परिसर में पहुंचकर 25 नवंबर 1920 को लखनऊ विश्विवद्यालय की स्थापना हुई। 1921 को विधिवत पठ़न-पाठन शुरू हो गया। कैनिंग कॉलेज को तालुकदार मालगुजारी का एक फीसद हिस्सा दान देते थे।

युवा साझा करेंगे अपना अनुभव

लखनऊ विश्वविद्यालय के 104 वें स्थापना दिवस पर अनुभव के सामने से अध्ययनरत युवा मन की तरंगें अनुभव के सागर से मिलेंगी। स्थापना दिवस समारोह में सम्मानित होने वाले पूर्व छात्र न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान, पद्मश्री प्रो. प्रमोद टंडन, आईएएस अधिकारी लीना जौहरी, वरिष्ठ पत्रकार मुकेश शर्मा ,धनंजय सिंह, राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अजय सिंह के अलग-अलग क्षेत्रों में सफलता का परचम लहरा रहे पूर्व छात्रों को आमंत्रित किया गया है। ये पूर्व छात्र अपने अनुभव साझा कर अध्ययनरत छात्र-छात्राओं का सफलता का मार्ग दिखाएंगे।

स्थापना दिवस कार्यक्रम की शुरुआत शाम 4 बजे से मालवीय सभागार में होंगी। वैदिक परंपरानुसार अतिथियों का स्वागत किया जाएगा। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय छात्रों की ओर महाकवि कालीदास की रचना पर आधारित नाटक अभिज्ञान शाकुंतलम का मंचन किया जाएगा। चाणक्य नीति के तहत राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की भूमिका विषय पर परिचर्चा होगी। उसके बाद छात्र-छात्राएं गीत-संगीत प्रस्तुत करेंगे। अंत में पूर्व छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया जाएगा। रविवार को कुलपति प्रो आलोक कुमार राय ने हरि कृष्ण अवस्थी सभागार में स्थापना दिवस समारोह की तैयारियों की समीक्षा की। सांस्कृतिक कार्यक्रमों और सम्मानित होने वाले छह पूर्व छात्रों के कार्यक्रम की जानकारी प्राप्त की। इस दौरान कुलपति ने लखनऊ विश्वविद्यालय का 2025 का वार्षिक वाल कैलेंडर और टेबल कैलेंडर भी जारी किया।

स्थापना दिवस कार्यक्रम की सूची

-वैदिक वटुकों की ओर से स्वस्ति वाचन व शंखनाद
- विश्वविद्यालय के कुलगीत का गायन
-विदेशी छात्रों द्वारा अभियान शाकुन्तलम नाटक का मंचन
-तजाकिस्तान की छात्राओं की प्रस्तुति
-कथक नृत्य
-इंग्लिश सॉन्ग
-इंस्ट्रुमेंटल
-एकल नृत्य
-चाणक्य नाटक

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