टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएं जांच: योगी
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए जिला क्षय रोग अधिकारियों को जारी किया गया पत्र
लखनऊ, अमृत विचार। टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साल के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार का लक्ष्य हासिल करने के निर्देश दिए गए हैं। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
प्रमुख सचिव ने शनिवार को बताया कि प्रदेश को साल 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य है। ऐसे में टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग की जा रही है। सभी डीटीओ डेटा की नियमित मॉनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के अंतर्गत इस साल अब तक राज्य में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है।
नए टीबी मरीजों मिलेंगे कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से
राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित रोगियों की स्क्रीनिंग के साथ ही फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित लोगों के परिवार के सदस्यों और संपर्क के लोगों की बलगम की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान होने से ही उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग व उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग कराई जाएगी।
हर माह जिलों का निरीक्षण करें
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लॉकों पर किया जाएगा। साथ ही आशा के अनुरूप काम न करने वाली टीबी इकाइयों में सुधार भी किया जाएगा। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह टीबी इकाईयों का निरीक्षण किया जाएगा।
यह भी पढ़ेः Dr. Google से न करें इलाज, नहीं पड़ जाएगा भारी