पांच साल से ब्रेकर पर झटके खा रही कासगंज-मथुरा-कानपुर ट्रेन, सिर्फ कागजों तक मिली हरी झंडी

पांच साल से ब्रेकर पर झटके खा रही कासगंज-मथुरा-कानपुर ट्रेन, सिर्फ कागजों तक मिली हरी झंडी

कासगंज अमृत विचार: कासगंज जंक्शन रेलवे स्टेशन का अमृत भारत स्टेशन के तहत सुंदरीकरण तो हो रहा है, लेकिन यहां पहले से प्रस्तावित कार्य अधर में लटके हुए हैं। तभी तो वर्ष 2019 में तैयार किया गया कासगंज से मथुरा कानपुर के रेल ट्रैक के दोहरीकरण का बजट में हरी झंडी पाने के बाद कागजों में दफन होकर रह गया है। अब इस ओर किसी का ध्यान नहीं है, जबकि इस रेल ट्रैक पर रेल यातायात का दबाव काफी बड़ा हुआ है।

कासगंज से मथुरा-कानपुर तक रेल लाइन के दोहरीकरण का प्रस्ताव दस्तावेजों में सिमट कर रह गया है। लगभग चार साल पहले पूर्वोत्तर रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक ने इसके निर्माण की बात कही थीं। अभी तक न तो रेलवे बोर्ड से कोई निर्देश मिले हैं और न ही प्रस्ताव को हरी झंडी मिली है। सर्वे के दौरान धनराशि के आंकलन की रिपोर्ट भी स्पष्ट नहीं है। कासगंज से मथुरा और कानपुर ट्रैक पर रेल यातायात का दबाव है। इस रूट पर तमाम मालगाड़ियां हैं। 

वहीं, 19 जोड़ी से अधिक पैसेंजर ट्रेन और एक्सप्रेस हैं। सबसे अधिक दबाव मथुरा ट्रैक पर रहता है। क्योंकि कानपुर की ओर से आने वाली ट्रेन भी मथुरा की ओर जाती हैं और बरेली की ओर से आने वाली ट्रेन अभी मथुरा ट्रैक पर जाती हैं। ट्रैक पर दबाव होने के कारण कई बार ट्रेन और माल गाड़ियों को जगह-जगह रोकना पड़ता है। इससे लेटलतीफी होती है। 

लगभग चार साल पहले मथुरा से कासगंज तक और कासगंज से कानपुर तक रेल ट्रैक के दोहरीकरण का दावा तत्कालीन रेल प्रबंधक राजीव कुमार ने किया था। उन्होंने कासगंज में पत्रकार वार्ता के दौरान स्पष्ट किया था कि रेल लाइन के दोहरीकरण का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा जा चुका है, लेकिन यह प्रस्ताव कहां लंबित है इसकी कोई जानकारी नहीं है। न तो अफसर कुछ स्पष्ट कर पा रहे हैं और न ही रेलवे बोर्ड ने कोई हरी झंडी दी है। 

आंकड़े की नजर से
- 349 किलोमीटर रेल ट्रैक का होना है दोहरीकरण
- 42 स्टेशन है कासगंज से कानपुर अनवरगंज तक
- 14 स्टेशन है कासगंज से मथुरा जंक्शन तक

रेल लाइन के दोहरीकरण के कोई दिशा निर्देश उच्चाधिकारियों से नहीं मिले हैं। पूर्व में क्या प्रगति हुई, अभी इसकी जानकारी नहीं हो पा रही है। इस संबंध मंं संबंधित अधिकारियों से बातचीत करने के बाद ही अग्रिम जानकारी साझा कर सकेंगे- राजेंद्र सिंह, पीआरओ रेलवे।

यह भी पढ़ें- कासगंज: ट्रक और ट्रैक्टर की जोरदार भिड़ंत, दोनों वाहन चालकों की मौत