Kanpur: वोट प्रतिशत क्या तोड़ देगा सपा का तिलिस्म?...सीसामऊ सीट पर भाजपा से मिल सकती कड़ी टक्कर
विशेष संवाददाता, कानपुर। सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव में कुल 49.13 प्रतिशत मतदान हुआ। 2022 मतदाताओं का रुझान और प्रशासनिक सख्ती के बीच हुए मतदान के बाद एक्जिट पोल ने भी धड़कनें बढ़ा दी। इस सीट पर 2022 में अधिकतम मतदान का प्रतिशत 56.85 रहा था। पर अबकी 49.13 प्रतिशत मतदान के बीच जीत-हार के आकलन ने धड़कने बढ़ा दी हैं।
कहा जाता है कि कम मतदान का लाभ विपक्ष को मिलता रहा है। साल 1991 में राम लहर में हुए चुनाव में यहां जीत का परचम लहराने वाली भाजपा ने लगातार 1996 और 2002 का चुनाव भी जीत लिया था पर भाजपा 2007 का चुनाव कांग्रेस से हार गयी थी।
उसके बाद परिसीमन के चलते उसका खेल बिगड गया। इस परिसीमन में मुस्लिम बहुल जनरलगंज विधानसभा क्षेत्र खत्म करके कुछ एक बड़ा हिस्सा सीसामऊ में आ गया था। सीसामऊ के सियासी हालात भांपकर इरफान सोलंकी ने पैतरा बदला और 2012 का चुनाव आर्यनगर छोड़कर सीसामऊ से लड़ गए। जीते भी। तबसे उनकी जीत का सिलसिला नहीं टूटा। हालांकि अबकी मतदान से सपा का तिलिस्म टूटने की बात भी कही जा रही है।
उसके पीछे यह भी बताया जाता है कि हिंदुओ के इलाके में मतदान का प्रतिशत बढ़ा है। जबकि मुस्लिमों में हमेशा की तरह यह कम ही आंका गया है। इस आधार पर यदि कहा जाए कि भाजपा का प्रत्याशी मजबूती से लड़ा है तो कोई अचरज न होगा। लेकिन दूसरी तरफ वह भी कहा जा रहा है कि सपा गठबंधन प्रत्याशी ने हिंदुओं की कुछ पॉकेट्स में अपनी मौजूदगी दर्ज करायी। ऐसे में नतीजा कुछ भी हो सकता है।
राजनीतिक हल्कों में यह संभावना भी व्यक्त की जा रही है कि सीसामऊ में सपा का तिलिस्म अबकी टूट भी सकता है। कम मतदान प्रतिशत का लाभ विपक्ष को मिलने की अटकलों के बीच यह भी कहा जा रहा है कि मुसलमान मतदाता वोट डालने के लिए बहुत ज्यादा उत्साहित नहीं दिखा। इसके पीछे सख्ती भी एक कारण बताया जाता है।