पीलीभीत: चूका बीच में नहीं घुस सकेंगे प्राइवेट वाहन, हट बुक कराने के साथ करानी होगी सफारी की भी बुकिंग
पीलीभीत, अमृत विचार। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के चूका बीच तक जाने के लिए अब सैलानी प्राइवेट वाहनों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। सैलानियों द्वारा की जाने वाली नियमों की अनदेखी एवं वन्यजीवों की सुरक्षा को देखते हुए डिप्टी डायरेक्टर ने मुख्य वन संरक्षक/फील्ड डायरेक्टर को पत्र भेजकर वन निगम को निर्देशित करने का आग्रह किया है। यदि यह आदेश अमल में लाया जाता है कि चूका बीच में ठहरने वाले सैलानियों को हट के साथ ही सफारी वाहन की बुकिंग करानी होगी। हालांकि इससे सैलानियों की जेब पर खासा असर पड़ेगा।
इको टूरिज्म स्पॉट चूका बीच प्रकृति की अनमोल धरोहर माना जाता है। मिनी गोवा के नाम से प्रसिद्ध इस टूरिज्म स्पॉट पर सैलानियों के ठहरने के लिए चार थारु हट एवं एक ट्री हट बनी हुई है। इन हटों का संचालन वन निगम के द्वारा किया जाता है। अभी तक इन हटों के बुकिंग कराने वाले सैलानी चूका बीच तक पहुंचने के लिए अपने निजी वाहनों का इस्तेमाल करते आ रहे हैं। टाइगर रिजर्व प्रशासन के संज्ञान में आया है कि व्यक्तिगत वाहनों से सैलानियों द्वारा पर्यटन के दौरान वन विभाग द्वारा निर्धारित नियमों का पालन नहीं किया जाता है। निजी वाहनों के आने वाले सैलानियों द्वारा नियमों का पालन न करने से जहां एक ओर वन्यजीवों की जान को खतरा होता है, वहीं दूसरी ओर सैलानियों की जान को भी खतरा बना रहता है। इससे वन्यजीवों का प्राकृतवास भी प्रभावित होता है। इन सबको देखते पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने मुख्य वन संरक्षक/फील्ड डायरेक्टर को पत्र भेजा है। भेजे गए पत्र में कहा गया कि वर्तमान में वन निगम द्वारा पांच जीनॉन सफारी वाहन संचालित किए जा रहे हैं। चिन्हित की गई घटनाओं की रोकथाम के लिए आवश्यक है कि सैलानियों को चूका बीच तक सफारी वाहन से ही प्रवेश कराया जाए। इसके लिए आवश्यक है कि वन निगम द्वारा संचालित हट के साथ वाहनों की भी बुकिंग की जाए। बुकिंग किए गए सफारी वाहनों को मुस्तफाबाद परिसर से चूका बीच तक लाया तथा ले जाया जाए। साथ इन्हीं बुकिंग किए गए वाहनों से सैलानियों को जंगल सफारी भी कराई जाए। पत्र में कहा गया कि वर्तमान में यह व्यवस्था जिम कार्बेट पार्क की ढिकाला समेत अन्य पर्यटन जोन में अपनाई जा रही है। इस व्यवस्था से जहां अनुशासन बना रहता है, वहीं सैलानियों एवं वन्यजीवों की सुरक्षा भी होती है। डिप्टी डायरेक्टर ने पत्र में उक्त व्यवस्था के लिए वन निगम को निर्देशित करने का आग्रह किया है, ताकि पर्यटन सत्र सुचारू रूप से संचालित हो सके।
चूका बीच तक व्यक्तिगत वाहनों से जाने वाले सैलानियों द्वारा नियमों की अनदेखी की जाती है। इससे उन्हें व वन्यजीवों की सुरक्षा को खतरा बना रहता है। सैलानियों एवं वन्यजीवों की सुरक्षा के दृष्टिगत उक्त व्यवस्था लागू करने के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा गया है। - मनीष सिंह, डिप्टी डायरेक्टर, पीलीभीत टाइगर रिजर्व
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