इंजेक्शन लगते ही अटक गईं सांसेः बलरामपुर अस्पताल में लापरवही ने ली 12 साल के मासूम की जान, तीन कर्मचारी निलंबित

CMS डॉ. संजय तेवतिया की अध्यक्षता में बनी पांच सदस्यीय जांच समिति

इंजेक्शन लगते ही अटक गईं सांसेः बलरामपुर अस्पताल में लापरवही ने ली 12 साल के मासूम की जान, तीन कर्मचारी निलंबित

लखनऊ, अमृत विचार: बलरामपुर अस्पताल में डेंगू पीड़ित बच्चे की मौत के मामले में मां का कहना है कि वार्ड आया के इंजेक्शन लगाते ही उसके सांसे अटक गई थी। काफी मिन्नतों के बाद डॉक्टर देखने आए तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। परिजन की नाराजगी को देखते हुए आनन-फानन में बच्चे को आईसीयू में ले जाकर वेंटिलेटर सपोर्ट दिया। कुछ देर बात मृत घोषित कर दिया गया। हालांकि, परिजन के आरोप पर अस्पताल प्रशासन ने वार्ड आया को बर्खास्त करने के साथ ही ड्यूटी पर तैनात नर्सिंग अफसर सहित तीन कर्मचारियों को निलंबित किया है। पूरे प्रकरण की जांच के लिए सीएमएस डॉ. संजय तेवतिया की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है। समिति ने पीड़ित परिजन और आरोपियों को बयान दर्ज कराने के लिए शनिवार को बुलाया है। परिजन ने शुक्रवार को बच्चे के शव को सिधौली ले जाकर सुपुर्द-ए-खाक करा दिया।

मूलरूप से सिधौली सीतापुर निवासी इश्तियाक मड़ियांव इलाके के प्रीति नगर में परिवार के साथ रहते हैं। इश्तियाक के 12 वर्षीय बेटे जैद को कई दिनों से बुखार आने पर मंगलवार को बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी में दिखाया गया था। जहां उसे बाल रोग विभाग में भर्ती कर लिया गया। खून की जांच में डेंगू की पुष्टि हुई। लेकिन प्लेटलेट्स कम नहीं हुए थे। पिता इश्तियाक के मुताबिक उसकी तबीयत में सुधार भी हो रहा था। इस बीच डॉक्टर ने बुधवार रात एक इंजेक्शन लिखा। कहा बाहर से लाकर उसे लगवा देना। इंजेक्शन लाकर देने पर बोतल में डालकर आधा इंजेक्शन चढ़ाया गया। स्टाफ ने कहा आधा इंजेक्शन सुबह लगेगा। इसके बाद बच्चा आराम से सो गया।

आज दर्ज होंगे बयान

बलरामपुर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी ने बताया कि बच्चे के परिजन के आरोप के आधार पर अस्पताल प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए वार्ड आया को बर्खास्त कर दिया। नर्सिंग अफसर सहित तीन कर्मचारियों को निलंबित किया गया है। पूरे प्रकरण की जांच सीएमएस डॉ. संजय तेवतिया की अध्यक्षा में बनी समिति कर रही है। शनिवार को पीड़ित परिवार और आरोपियों के बयान दर्ज होंगे। अन्य पहलुओं पर भी जांच होगी। एसक लिए मौके पर मौजूद अन्य स्टाफ और तीमारदारों से भी पूछताछ की जा रही है। सीसीटीवी खंगाले जा रहे।

दोबारा लगे इंजेक्शन से उखड़ी सांसे

मां तबस्सुम ने बताया अगली सुबह गुरुवार को भी उसकी तबीयत में सुधार दिखा। 11 बजे के करीब नर्स से इंजेक्शन लगाने को बोला तो वॉर्ड आया आई। उसने सीधे इंजेक्शन उसके वीगो में लगा दिया। जैसे ही बच्चे के इंजेक्शन लगा, उसकी चीख निकल आई। ऐसा लगा कि उसकी सांस अटक गई। कुछ ही देर में वो सुन्न पड़ गया।

वेंटिलेटर सपोर्ट दिखा की गई खानापूरी

तबस्सुम के मुताबिक बच्चे की सांसे उखाड़ने पर वह दौड़कर नर्स के पास गई और कहा कि जल्दी चलिए, बच्चे की तबीयत अचानक से बिगड गई है। नर्स ने कहा चलो आते हैं। थोड़ी देर बाद नर्स पहुंची, फिर डॉक्टर भी आए पर तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी। परिजनों को आक्रोशित होता देख उसे आईसीयू में ले जाकर वेंटिलेटर सपोर्ट देने की खानापूरी की गई।

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