प्रापर्टी डीलर हत्याकांड : बेखौफ हत्यारों ने दौड़ा-दौड़ाकर किए वार, जान लेने के बाद ही भागे

कब्रिस्तान में दूर-दूर तक बिखरा खून बयां कर रहा कत्ल की बर्बरता, जान बचाने की लगाता रहा गुहार, कातिल करते रहे ताबड़तोड़ प्रहार

प्रापर्टी डीलर हत्याकांड : बेखौफ हत्यारों ने दौड़ा-दौड़ाकर किए वार, जान लेने के बाद ही भागे

मुरादाबाद, अमृत विचार। कब्रिस्तान में पिता की मजार पर फातिहा पढ़ने गए प्रापर्टी डीलर यूसुफ की कातिलों ने बेहद बेरहमी के साथ हत्या की। झब्बू का नाला स्थित कब्रिस्तान में दूर-दूर तक बिखरा पड़ा खून कातिलों की बर्बरता की गवाही दे रहा है। जान बचाने के लिए यूसुफ ने पहले कातिलों से संघर्ष किया, नाकाम होते देखकर भागने की कोशिश की, लेकिन बेखौफ कातिल पूरी तरह से तैयार होकर ही आए थे। प्रापर्टी डीलर को दौड़ा-दौड़ाकर तब तक चाकू से वार करते रहे जब तक कि वह बेदम हो कर गिर नहीं गया। इसके बाद कातिल आराम से पीछे के रास्ते से फरार हो गए।

थाना नागफनी क्षेत्र में झब्बू का नाला के पास मौजूद सरकारी कब्रिस्तान में 20 दिन पहले पिता मोहम्मद रफ़ीक की मौत के बाद प्रॉपर्टी डीलर यूसुफ उर्फ भोलू जुमे की नमाज अदा करने के बाद फातिहा पढ़ने गया था। उसके साथ चचेरा भाई शाकिब भी मौजूद था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पहले से ही घात लगाकर कब्रिस्तान में बैठे हमलावरों ने यूसुफ को घेर कर चाकू से ताबड़तोड़ हमले शुरू कर दिये। चाकू का वार होते ही यूसुफ ने बचने का भरसक प्रयास किया। उसने कब्रिस्तान से बाहर निकलने के लिए दौड़ भी लगा दी, लेकिन लहूलुहान प्रापर्टी डीलर को कातिलों ने दौड़ाकर दबोच लिया। भागते समय भी उसके शरीर पर चाकुओं से ताबड़तोड़ प्रहार किए गए। कातिलों से यूसुफ ने मरते दम तक संघर्ष भी किया।

 मृतक के भाई के अनुसार कातिलों के हमलों से गंभीर रूप से जख्मी होकर यूसुफ पिता की कब्र से करीब 30 मीटर दूर गिर गया। उन्होंने बताया कि हाथों में धारदार हथियार लिए आरोपी यूसुफ के पीछे दौड़ रहे थे। वह बचाने के लिए लोगों से गुहार लगा रहा था। सांसे थमने के बाद भी कातिल उसके शरीर पर ताबड़तोड़ प्रहार करते रहे थे। इसके बाद ही हत्यारे बेखौफ अंदाज में कब्रिस्तान के पीछे वाले रास्ते से फरार हो गए।

कब्रिस्तान में हत्या की जानकारी मिलते ही सीओ सिविल लाइन्स अर्पित कपूर सबसे पहले फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। तब तक सीओ कटघर, थानाध्यक्ष गलशहीद सौरभ त्यागी थाना नागफनी से भारी पुलिस फोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए थे। सीओ सिविल लाइन अर्पित कपूर ने सभी यूनिटों के साथ फोरेंसिक जांच टीम को भी साक्ष्य एकत्र करने के लिए मौके पर बुला लिया, लेकिन इससे पहले ही सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे यूसुफ के परिजन उसे तत्काल इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर भागे, जहां डॉक्टरों ने यूसुफ को मृत घोषित कर दिया। इस बीच पुलिस भी हॉस्पिटल पहुंच चुकी थी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू कर दी थी।

दो सौ मीटर दूरी पर तैनात पुलिस बनी रही अनजान
कब्रिस्तान में प्रापर्टी डीलर यूसुफ उर्फ भोलू का दौड़ा-दौड़ाकर कत्ल किया गया। उसने कातिलों से बचने के लिए हरसंभव कोशिश की। चीखा-चिल्लाया, बचने के लिए दौड़ भी लगाई। कातिलों ने पकड़ लिया तो यूसुफ उनसे भिड़ भी गया। इतना सब कुछ होता रहा, मगर दो सौ मीटर की दूरी झब्बू के नाले पर ड्यूटी पर मौजूद पुलिस कर्मी वारदात से अनजान बने रहे। परिवार के लोग यूसुफ को जिला अस्पताल ले गए। परिवार वालों का आरोप था कि समय रहते पुलिस एक्शन में आ जाती तो युसुफ की जान बच सकती थी।

प्रापर्टी डीलर की हत्या से दहशत में चचेरा भाई
नमाज पढ़ने के बाद कब्र पर फातिहा पढ़ने के लिए प्रापर्टी डीलर यूसुफ के साथ उसका चचेरा भाई शाकिब भी गया था। उसकी आंखों के सामने ही हत्यारों ने कत्ल की वारदात को अंजाम दिया। घटना बताते हुए शाकिब कई बार भावुक हो गया। उसकी आवाज भरभरा गई। बताया कि पिछले रास्ते से हत्यारोपी कब्रिस्तान में दाखिल हुए। उस वक्त भाई फातिहा पढ़ रहा था। उसकी आंखें बंद थीं हाथ दुआ के लिए उठे हुए थे। इसी बीच पीछे से भाई की गर्दन पर चाकू से प्रहार किया। इसके बाद भाई ने बचने के लिए दौड़ लगा दी। वह बचाने की गुहार लगाता रहा। कातिल उसके ऊपर चाकू से ताबड़तोड़ प्रहार करते रहे। भाई ने मदद के लिए तुरंत घर की तरफ दौड़ लगा दी। परिवार वालों को घटना बताई। इसके बाद मौके पर पहुंचे। जिला अस्पताल ले गए, लेकिन डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। शाकिब की आंखों में दहशत साफ नजर आ रही थी। पुलिस को भी उसने पूरी घटना के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

पहले सुहाग छिना और अब बेटे की हत्या से टूट गई कमर जहां
प्रापर्टी डीलर रफीक के परिवार में 25 दिन पहले तक सब कुछ ठीक-ठाक था। वह दो बेटों यूसुफ और मोहिसिन, तीन बेटियों सनानाज, शायबा, मुस्कान और पत्नी कमर जहां के साथ जीवन यापन कर रहे थे। इसी बीच बीमारी के चलते 21 अक्टूबर को उनकी मौत हो गई। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। सभी सदमे में थे। इसी बीच शुक्रवार को यूसुफ की हत्या से कमर जहां पूरी तरह से टूट गईं। 25 दिन के भीतर सुहाग छिनने और बेटे की हत्या से कमर जहां का बुरा हाल हो गया। वह बदहवास हो गईं। परिवार के अन्य लोगों ने किसी तरह उन्हें संभाला।

ठोस कार्रवाई करती पुलिस तो बच सकती थी यूसुफ की जान
मृतक यूसुफ के चाचा इमरान ने बताया कि भतीजे का विवाद मोहल्ले के लोगों से कुछ समय पूर्व हो गया था। उन लोगों ने भतीजे के साथ मारपीट की थी। मामला पुलिस तक पहुंचा था। उस वक्त पुलिस ने समझौता करा दिया था। पुलिस यदि समझौता कराने की जगह आरोपियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करती तो भतीजे की जान बच सकती थी।

शुरुआती जांच में अवैध संबंध में कत्ल का मामला : एसपी सिटी
एसपी सिटी कुंवर रणविजय सिंह ने बताया कि शुरुआती जांच में प्रापर्टी डीलर का कत्ल अवैध संबंध में किए जाने का मामला सामने आया है। एक हत्यारोपी को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। फरार अन्य हत्यारोपियों की गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही हैं। जल्द ही सभी हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर वारदात का पर्दाफाश किया जाएगा।

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