फ्यूजेरियम विल्ट से ताइवानी खरबूजे की फसल बर्बाद, किसान परेशान, लागत निकालना भी हुआ मुश्किल
Deepraj Singh, Barabanki : इस बार ताइवानी खरबूजे की अगेती फसल जिले के किसानों के लिए संकट बन गई है। खेतों में फैले फ्यूजेरियम विल्ट रोग ने पौधों को मुरझा दिया है। फल बाजार पहुंचने से पहले ही सूख रहे हैं।
जिला उद्यान अधिकारी डॉ. धीरेन्द्र सिंह के अनुसार, पिछले वर्ष जिले में 6 हजार हेक्टेयर में खरबूजा और तरबूज की खेती हुई थी। इस बार यह बढ़कर 13 हजार हेक्टेयर हो गई। किसानों को अच्छी आमदनी की उम्मीद थी। इस वर्ष ताइवानी खरबूजे के बीज की कीमत भी दोगुनी हो गई है। पिछले साल जहां बीज 1 लाख रुपए प्रति किलो था, वहीं इस साल 2.40 लाख रुपए प्रति किलो हो गया। किसानों ने प्रति एकड़ करीब 1 लाख रुपए खर्च किए। देवा क्षेत्र के किसान उत्तम वर्मा ने बताया कि वे कर्जा चुकाने की उम्मीद लगाए थे। अब अगले सीजन के लिए बीज खरीदना भी मुश्किल हो गया है। पौध रक्षा अधिकारी सत्यप्रकाश प्रभात के मुताबिक फ्यूजेरियम विल्ट मिट्टी में रहने वाले फफूंद से फैलता है।
यह पौधों की जड़ों को नष्ट कर देता है। रोग से बचाव के लिए बीजोपचार में प्रति किलो बीज पर 10 ग्राम ट्राइकोडर्मा का उपयोग बताया। खेत में प्रति हेक्टेयर 2.5 किलोग्राम ट्राइकोडर्मा का प्रयोग करने की सलाह दी। हालांकि किसानों ने तमाम उपचार किये, लेकिन रोग की तीव्रता इतनी अधिक थी कि सभी प्रयास विफल हो गए। आपको बता दें कि इस समय मंडियों में खरबूजा 15-16 रुपए किलो और फुटकर बाजार में 20-25 रुपए किलो बिक रहा है, जो लागत से भी कम है। हालांकि जो किसान बाद में बोआई किए हैं, उनकी फसल अब तक रोग से सुरक्षित है। इससे किसानों को कुछ राहत की उम्मीद है कि वे पछेती फसल से अपना आंशिक नुकसान कुछ हद तक पूरा कर पाएंगे।
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