लखनऊ: सेना ने पिपराघाट से शहीद पथ के बीच एलडीए को दी जमीन
छावनी की 21.81 हेक्टेयर भूमि पर बंधा व 4-लेन का होगा निर्माण
लखनऊ, अमृत विचार : लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के ग्रीन काॅरिडोर पार्ट-3 के तहत पिपराघाट से शहीद पथ के बीच बंधा व 4-लेन सड़क निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। इसके लिए सैन्य मंत्रालय ने छावनी क्षेत्र की 21.81 हेक्टेयर भूमि एलडीए को देने की अनुमति दी है। बंधा निर्माण होने से बारिश में सैन्य भूमि पर होने वाले जलभराव से स्थायी निजात मिलेगी। साथ ही छावनी में रहने वाले सेना के अधिकारियों व लोगों को एयरपोर्ट आने-जाने के लिए 4-लेन से सीधी कनेक्टीविटी मिलेगी।
उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि ग्रीन काॅरिडोर परियोजना के पार्ट-3 के अंतर्गत पिपराघाट से शहीद पथ के बीच गोमती नदी के दाहिने तट पर 5.8 किमी लंबे फ्लड इम्बैंकमेंट (बंधा) का निर्माण किया जाना है। इसमें बंधा का 2.8 किमी हिस्सा छावनी क्षेत्र में है। लगभग 21.81 हेक्टेयर सैन्य भूमि एलडीए को चाहिए थी। उन्होंने बीते 23 सितंबर को दिल्ली के साउथ ब्लाॅक स्थित सैन्य मंत्रालय में ज्वाइंट सेक्रेटरी (भूमि एवं कार्य) के समक्ष जमीन की मांग करते हुए परियोजना का प्रस्तुतिकरण दिया था। बैठक के सकारात्मक परिणाम मिले थे। इस क्रम में 12 नवंबर को सैन्य मंत्रालय द्वारा सेना की भूमि एलडीए को देने की अनुमति पत्र प्राप्त हो गई है।
सेना ने दिए दिशा-निर्देश, एलडीए करेगा पालन
एलडीए के प्रोजेक्ट इम्पलीमेंटेशन यूनिट के प्रभारी एके सिंह सेंगर ने बताया कि सेना ने कुछ जरूरी दिशा-निर्देश दिये हैं। बंधा बनने से सेना की भूमि दाे भागों में विभाजित होगी। सेना ने छावनी क्षेत्र में आंतरिक आवागमन के लिए बंधे में तीन अंडरपास अथवा रोटरी विकसित करने के निर्देश दिये हैं। साथ में यह शर्त भी रखी गयी है कि बंधा निर्माण के लिए मिट्टी की खोदाई सेना की भूमि से नहीं की जाएगी। इसे ध्यान में रखते हुए स्थल पर बंधा का निर्माण कराया जाएगा। इसके अलावा छावनी में रहने वाले सेना के अधिकारियों व जवानों के सुगम आवागमन के लिए ग्रीन काॅरिडोर से दिलकुशा तक एक लिंक प्रदान किया जाएगा। इसके लिए प्राधिकरण द्वारा बंधे के एलाइनमेंट में पहले से ही जरूरी बदलाव कर लिए हैं।
बाहरी का प्रवेश रोकने को होंगे इंतजाम
सेना द्वारा बंधा व 4-लेन सड़क के निर्माण में सुरक्षा के जरूरी उपाय भी सम्मलित करने के निर्देश दिए हैं। इसमें कहा गया है कि बंधा निर्मित होने व उस पर यातायात संचालित होने के बाद कोई भी व्यक्ति/वाहन छावनी क्षेत्र में अवैध रूप से प्रवेश न कर सके, इसके लिए सम्बंधित क्षेत्र में बैरिकेडिंग आदि की व्यवस्था की जाएगी।
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