क्या है फबिंग? जिससे पति-पत्नी के रिश्तों में पड़ रही दरार, ऐसे बचें
अंकित चौहान, बरेली। परिवार को नजरंदाज कर मोबाइल फोन पर व्यस्त रहने की आदत अब पति-पत्नी के रिश्तों पर भी भारी पड़ने लगी है। मनोवैज्ञानिकों ने मोबाइल फोन के इस एडिक्शन को फबिंग नाम दिया है। जिला अस्पताल के मन कक्ष का रिकॉर्ड पिछले तीन महीनों में ऐसे 15 केस आने की पुष्टि कर रहा है।
फबिंग को 'फोन और स्नबिंग' शब्दों को जोड़कर बनाया गया है। यह शब्द कुछ ही समय से उस आदत के लिए चलन में आया है जब किसी से बात करते हुए भी उसे नजरअंदाज कर दिया जाता है और फोन पर ध्यान केंद्रित रखा जाता है। यह पारिवारिक रिश्तों को बुरी तरह कमजोर कर रही है। मन कक्ष के प्रभारी डॉ. आशीष के अनुसार ऐसे मामले आम होते जा रहे हैं, जब मोबाइल फोन पर रील बनाने या दिन भर सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हुए लोग परिवार की उपेक्षा कर रहे हैं। इसका गंभीर असर न सिर्फ लोगों की सेहत पर पड़ रहा है बल्कि पति-पत्नी के रिश्तों में भी दरार पड़ रही है।
डॉ. आशीष के मुताबिक पिछले महीने राजेंद्रनगर के एक पति-पत्नी रिश्ता टूटने के कगार पर पहुंचने के बाद मन कक्ष में आए थे। काउंसिलिंग के दौरान पत्नी ने बताया कि पिछले दिनों एक कंपनी में अपना सेलेक्शन होने के बाद वह यह बात सबसे पहले अपने पति को बताने को उत्सुक थी लेकिन पति दफ्तर से घर लौटे तो मोबाइल फोन में व्यस्त हो गए। उन्होंने कई बार पति से बात करने की कोशिश की लेकिन कई दिन तक इसमें कामयाब नहीं हो सकीं। इसके बाद दोनों में झगड़ा शुरू हो गया। डॉ. आशीष ने बताया कि पिछले तीन महीने मन कक्ष में इस तरह के करीब 15 केस पहुंचे हैं।
ऐसे बचे फबिंग से...
- खाली समय में मोबाइल फोन ऑफ कर परिवार के साथ बात करें।
- कोई आवश्यक बात न हो फिर भी हंसी-मजाक की कोशिश करें।
- अगर संभव हो सके तो परिवार के साथ आसपास घूमने जरूर जाएं।
- आपस में झगड़ा हुआ हो तो अपने पार्टनर को खुशमिजाज होकर समझाएं
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