कासगंज: चार मौतों का जिम्मेदार कौन? सेफ्टी इंजीनियर या NHAI की अनदेखी!
गजेंद्र चौहान, अमृत विचार: कासगंज-मथुरा मार्ग पर गांव मोहनपुरा के समीप नेशनल हाईवे 530 बी के निर्माणाधीन कार्य ने चार महिलाओं की जान ले ली और पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस मामले में सवाल उठ रहा है कि इस घटना का जिम्मेदार आखिर कौन है? क्या जिला प्रशासन की अनदेखी रही या फिर एनएचआई और कार्यदायी संस्था लापरवाह बनी रही। कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। जो भी हो लेकिन डीएम ने स्पष्ट कर दिया है कि मामले की तकनीकी जांच की जा रही है।
कासगंज में बड़ा हादसा हो गया। इस हादसे से हर कोई द्रवित दिखाई दिया है। किशोरी सहित चार महिलाओं की मौत हो गई। पांच लोग घायल हैं। फिर इस बीच सवाल उठ रहा है मौत का जिम्मेदार आखिर कौन है। यह महिलाएं तो पिली मिट्टी लेने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग पर गई थीं। यहां निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए खोदाई का काम हो चुका था। इन महिलाओं को पता था कि यहां पिली मिट्टी निकल रही है। फिर महिलाएं मिट्टी लेने पहुंच गईं। उन्हें क्या पता था कि यही मिट्टी उनके लिए काल बन जाएगी। मिट्टी निकालते समय ढाय गिरने से हादसा हो गया। नियमानुसार सेफ्टी के मानक यहां पूरे नहीं थे।
एनएचआई के अफसर मौन, फिर जिम्मेदार कौन
इस मामले में एनएचआई के सभी अफसर मौन साधे हुए हैं। किसी ने भी फोन पर वार्ता करना उचित नहीं समझा और सामना भी पत्रकारों से नहीं किया। जब एक अधिकारी को फोन लगाया गया उन्होंने भी फोन नहीं उठाया। जब अफसर मौन हैं तो जिम्मेदार कौन है।
मामले की तकनीकी जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जिम्मेदार आखिर कौन है, जांच में इसकी पुष्टि हो जाएगी और जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी- मेधा रूपम, डीएम।
कार्रवाई के दायरे में लापरवाह
राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कार्य चल रहा है। साथ ही जगह जगह पुलियों का निर्माण कार्य भी चल रहा है। पुलियों के निर्माण के लिए जेसीबी व पोकलेन मशीनों से गहरे गहरे खड्डे खोदे गए हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि पुलियों के लिए खोदे गए इन खड्डों को बेरिकेड नहीं किया गया था, जिसके कारण मंगलवार की सुबह एक बड़ा हादसा हो गया।
तकनीकी और कानूनी रूप से इस दुर्घटना के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कर रही विकासकर्ता कंपनी जिम्मेदारी है। कंपनी के सेफ्टी इंजीनियर की यह जिम्मेदारी बनती है कि इस तरह के गहरी खुदाई वाले निर्माणाधीन कार्यक्षेत्र की बेरिकेडिंग करना अनिवार्य है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया और इस लापरवाही के कारण कई लोगों की जान चली गई। इसलिए इस लापरवाही के लिए कंपनी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।
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