मुरादाबाद : देवउठनी एकादशी आज, भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी की करें पूजा
मुरादाबाद, अमृत विचार। देवउठनी यानि देवोत्थान एकादशी मंगलवार को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी पूजा करने से मनवांछित फल की प्राप्ति व सुख-समृद्धि मिलती है। इस दिन मंदिरों व घरों में विधि-विधान से पूजा अर्चना करने की तैयारी हो चुकी है। लोगों ने सिंघाड़ा, गन्ना व अन्य फल आदि की खरीदारी पूजा के लिए की।
ज्योतिषाचार्य पंडित केदार मुरारी ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 11 नवंबर को शाम 6.46 मिनट पर शुरू होगी जो कि अगले दिन 12 नवंबर 2024 की शाम 4.04 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में देवउठनी एकादशी का व्रत 12 नवंबर को रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि मान्यता के अनुसार कुछ लोग देवउठनी एकादशी की शाम को तुलसी और शालीग्राम जी के विवाह की परंपरा भी निभाते हैं।
बताया कि सनातन धर्म में एकादशी तिथि का बड़ा महत्व होता है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है। इसे प्रबोधिनी या देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इसी दिन तुलसी माता का भगवान शालीग्राम के साथ विवाह भी किया जाता है। हालांकि कुछ लोग द्वादशी तिथि को भी तुलसी विवाह कराते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार देवउठनी एकादशी के दिन ही जगत के पालनहार भगवान विष्णु योग निंद्रा से जागते हैं और सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं।
ऐसे करें पूजा अर्चना
- सुबह जल्दी उठकर स्नान ध्यान करें।
उसके बाद मंदिर की साफ सफाई करें। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को आसन प्रदान करें।
भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को पंचामृत से स्नान कराएं, फल - फूल, मिठाई और तुलसी के पत्ते चढ़ाएं।
भगवान विष्णु के ऊं नमो भगवते वासुदेवाय या कोई अन्य मंत्र जपें, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें और आरती करें।
रात में भजन कीर्तन के साथ पूजा पाठ करें और फिर प्रसाद ग्रहण कर व्रत तोड़ें।
मंदिरों में दीप यज्ञ का आयोजन करें
पूजा का मंत्र
- उदितष्ठोतिष्ठ गोविन्द त्यज निद्रां जगत्पते,
- त्वयि सुप्ते जगन्नाथ जगत्सुप्तं भवेदिदम्।
- उत्थिते चेष्टते सर्वमुत्तिष्ठोत्तिष्ठ माधव॥
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