Allahabad High Court Decision: खाली पड़ी सार्वजनिक भूमि पर पंचायत भवन का निर्माण उचित नहीं

Allahabad High Court Decision: खाली पड़ी सार्वजनिक भूमि पर पंचायत भवन का निर्माण उचित नहीं

अमृत विचार , प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सार्वजनिक उपयोगिता वाले भवन की कीमत पर पंचायत भवन के निर्माण के मामले में कहा कि आबादी की खाली भूमि का उपयोग पंचायत भवन के निर्माण के लिए नहीं किया जा सकता है। यह मामला एक जीर्ण-शीर्ण भवन के आंशिक विध्वंस से संबंधित है, जिसका निर्माण 1987 में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र/जच्चा बच्चा केंद्र के रूप में किया गया था।

यह भवन पिछले आठ वर्षों से प्रयोग में नहीं था और पंचायत भवन के निर्माण के लिए इसे आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया गया था। संबंधित तहसीलदार ने कोर्ट को बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को आंशिक रूप से ध्वस्त करने का निर्णय इसलिए लिया गया, क्योंकि पंचायत भवन के निर्माण के लिए आरक्षित स्थान उक्त निर्माण के लिए आवश्यक क्षेत्र के रूप में पर्याप्त नहीं था, इसलिए संबंधित भूमि का एक हिस्सा (जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्थित है) पंचायत भवन के निर्माण के लिए प्रस्तावित किया गया था। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि जच्चा बच्चा केंद्र की इमारत अधिकारियों की उपेक्षा के कारण जीर्ण-शीर्ण हो गई थी।अधिकारियों ने मरम्मत के लिए धनराशि की सूचना देने या अनुरोध करने में सक्रियता नहीं दिखाई।

अतः सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र/जच्चा बच्चा केंद्र के जीर्णोद्धार के लिए कोई कदम न उठाने के लिए पूर्व व वर्तमान प्रधानों की आलोचना करते हुए कोर्ट ने कहा कि राज्य का स्वास्थ्य विभाग भवन के जीर्णोद्धार के लिए कदम उठाएगा, क्योंकि यह पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र/जच्चा बच्चा केंद्र के रूप में उपयोग किया जाता था, जिसकी उपयोगिता अभी भी है। इसके लिए जिला मजिस्ट्रेट, मऊ और मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मऊ द्वारा एक व्यापक अध्ययन कराया जाएगा, जिसमें ग्रामीणों के सुझाव भी शामिल होंगे। यह कार्य आगामी चार सप्ताह के भीतर पूरा किया जाएगा तथा उसके बाद दो सप्ताह के भीतर इस पर उचित निर्णय लिया जाएगा।

इसके अलावा इस बात पर ध्यान दिया जाएगा कि पंचायत भवन के निर्माण से उस क्षेत्र में प्रवेश या निकास में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होगी, जिस पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र/जच्चा बच्चा केन्द्र का वर्तमान भवन स्थित है तथा यदि आवश्यक हो तो पंचायत भवन के निर्माण के मानचित्र में संशोधन किया जा सकता है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की एकलपीठ ने मऊ जिले के मोहम्मदाबाद गोहना ब्लॉक और तहसील के ग्राम पंचायत अलाउद्दीनपुर में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के जीर्णोद्धार से संबंधित एक स्वप्रेरित मामले की सुनवाई करते हुए पारित किया।

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