कर्मचारी आन्दोलन: दो माह में मांग पूरी करो सरकार, नहीं तो... महासंघ ने दी चेतावनी
लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ ने एक बार फिर शासन में बैठे अधिकारियों को चेतावनी दी है। महासंघ की तरफ से कहा गया है कि दो महीने के भीतर कर्मचारियों की मांगों को पूरा किया जाए, नहीं तो साल 2025 के जनवरी महीने में किसी दिन भी कर्मचारी काम बंद कर आन्दोलन शुरू कर सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो इसकी सारी जिम्मेदारी अधिकारियों की होगी।
दरअसल, निकाय कर्मचारी लंबे समय से अपनी मांगों के लिए संघर्षरत हैं, लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हो रही है। यही वजह है कि कर्मचारी संघ ने अक्टूबर माह में आंदोलन का ऐलान कर रखा था, लेकिन तीन अक्टूबर को उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री एके शर्मा से उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की।
इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान का समय रहते निर्णय कराएं जाने का अनुरोध किया था। जिस पर मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आंदोलन की तारीख से पहले बैठक करने का आश्वासन दिया है। 26 अक्टूबर को आंदोलन होता था, लेकिन 25 अक्टूबर को प्रमुख सचिव नगर विकास और महासंघ के पदाधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें प्रमुख सचिव नगर विकास ने समय रहते कर्मचारियों की मांगों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था।
उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष शशि कुमार मिश्र ने बताया है कि प्रमुख सचिव नगर विकास ने कर्मचारियों की मांगों को लेकर हुई बैठक के बाद हमारी मांगों पर निर्णय लेने की बात कही थी। हमारी तरफ से भी 2 महीने का समय सरकार को दिया गया है, मांग नहीं पूरी होगी तो आंदोलन ही एक मात्र रास्ता बचता है।
मांग
प्रदेश अध्यक्ष शशि कुमार मिश्र ने बताया है कि कर्मचारियों की कई मांगें हैं। जिनमें उनके मौलिक अधिकार, सेवा संबंधी समस्या,अकेन्द्रियत सेवा नियमावली, दैनिक वेतन, संविदा, तदर्थ कर्मचारियों का विनियमतीकरण, लिपिक, राजस्व, सफाई, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पदोन्नति, कैशलेस इलाज व्यवस्था, आऊटसोर्सिंग कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा, पद के अनुरूप वेतन, भत्ते, बीमा, खाली पड़े पदो पर नियमित नियुक्ति आदि मांगें शामिल हैं।
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