देहरादून: राज्य स्थापना दिवस पर बेरोजगार संघ का प्रदर्शन, युवाओं ने सीएम आवास कूच की दी धमकी

देहरादून: राज्य स्थापना दिवस पर बेरोजगार संघ का प्रदर्शन, युवाओं ने सीएम आवास कूच की दी धमकी

देहरादून, अमृत विचार। राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर शनिवार को उत्तराखंड में बेरोजगार युवाओं का एक बड़ा प्रदर्शन हुआ। सैकड़ों की संख्या में युवा राजधानी देहरादून के गांधी पार्क में एकत्रित हुए और वहां से मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करने के लिए हुंकार भरी। इस दौरान युवाओं की भारी भीड़ ने "करो या मरो" रैली का ऐलान करते हुए अपने अधिकारों के लिए संघर्ष का संकल्प लिया।

प्रदर्शन के कारण पुलिस तैनाती बढ़ी

प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड पुलिस ने भारी संख्या में बल तैनात किया। प्रदर्शनकारी युवाओं ने राज्य सरकार से एक महत्वपूर्ण मांग की— उत्तराखंड पुलिस कांस्टेबल भर्ती में आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट को लागू किया जाए। उनका आरोप था कि पिछले भर्ती में सरकार ने वादा किया था कि आगामी भर्ती में आयु सीमा में छूट दी जाएगी, लेकिन इस बार वह वादा पूरा नहीं किया गया, जिससे युवाओं में भारी नाराजगी है।

बेरोजगार संघ की चेतावनी: "करो या मरो रैली

उत्तराखंड बेरोजगार संघ के बैनर तले यह प्रदर्शन आयोजित किया गया था। बेरोजगार युवाओं ने राज्य सरकार को चेतावनी दी कि अगर पुलिस भर्ती में आयु सीमा में छूट नहीं दी जाती है, तो वे एक बड़ी रैली का आयोजन करेंगे। युवाओं का कहना है कि उनका भविष्य इस निर्णय पर निर्भर करता है और वे किसी भी कीमत पर अपने हक के लिए लड़ाई जारी रखेंगे।

नाराज युवाओं का कहना: हमें कोई आश्वासन नहीं चाहिए, केवल समाधान चाहिए

युवाओं ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बार-बार किए गए आश्वासनों के बावजूद इस बार भी आयु सीमा में छूट नहीं दी गई, जो कि उनके लिए एक बड़ा झटका है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे अब आश्वासन नहीं, बल्कि तत्काल समाधान चाहते हैं। उनकी यह मांग है कि पुलिस भर्ती में आयु सीमा में छूट दी जाए, ताकि बड़ी संख्या में योग्य उम्मीदवार भर्ती प्रक्रिया में भाग ले सकें।

राज्य सरकार को भेजी गई चेतावनी

प्रदर्शनकारी युवाओं ने राज्य सरकार को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया, तो वे अपनी लड़ाई को और तेज करेंगे। बेरोजगार संघ ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री आवास कूच करने से पहले वे शांति से अपनी बात रखने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अगर सरकार ने उनकी मांगों पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया तो वे "करो या मरो रैली" आयोजित करेंगे, जो राज्य सरकार के लिए एक बड़ा अलर्ट होगा।

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