ईडी की पूछताछ में रिटायर्ड IAS मोहिंदर सिंह ने गोलमोल जवाब, हैसिंडा प्रोजेक्ट भूमि और स्मारक घोटाले में है आरोपी
लखनऊ, अमृत विचार। हैसिंडा प्रोजेक्ट भूमि घोटाले में रिटायर्ड आईएएस मोहिंदर सिंह से शुक्रवार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की लखनऊ टीम ने दूसरी बार आठ घंटे पूछताछ की। इस बार भी वह गोलमोल जवाब देकर बचते रहे। ईडी ने 24 दिन के अंदर दूसरी बार रिटायर्ड आईएएस से पूछताछ की है। पहली बार चार नोटिस भेजने के बाद 16 अक्टूबर को ईडी कार्यालय पहुंचे थे। मोहिंदर सिंह पर स्मारक घोटाले में भी शामिल होने का आरोप है।
नोएडा में हैसिंडा प्रोजेक्ट भूमि घोटाले में जांच के दायरे में आए पूर्व आईएएस व नोएडा अथॉरिटी के तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी मोहिंदर सिंह शुक्रवार को दोबारा ईडी के सामने पेश हुए। ईडी की टीम ने अक्टूबर के पहले सप्ताह में हैसिंडा के संचालकों के ठिकानों पर छापा मारा था। इस दौरान ईडी की टीम ने चंडीगढ़ स्थित पूर्व आईएएस मोहिंदर सिंह के आवास को भी खंगाला। जहां करोड़ों रुपये के हीरे और नामी-बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे।
ईडी की जांच में सामने आया है कि मोहिंदर सिंह के कार्यकाल में ही हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड को करीब 67 हजार वर्ग मीटर भूमि अपार्टमेंट बनाने के लिए दी गई थी। बाद में हैसिंडा ने इसमें से 27 हजार वर्ग मीटर भूमि दूसरे बिल्डर को 236 करोड़ रुपये में बेचकर पूरी रकम हड़प ली थी और अथॉरिटी को कोई भुगतान नहीं किया था।
हैसिंडा ही नहीं स्मारक घोटाले के भी हैं आरोपी
रिटायर्ड आईएएस मोहिंदर सिंह नोएडा के हैसिंडा प्रोजेक्ट भूमि घोटाले के ही नहीं आरोपी है। बल्कि उन पर यूपी में बसपा सरकार में हुए स्मारक घोटाले का भी आरोप लगा है। ईडी अधिकारियों के ज्यादातर सवालों का जवाब उन्होंने यह कहकर टाल दिया कि उनको इस संबंध में कुछ याद नहीं है। दस्तावेजों के संबंध में पूछे जाने पर गोलमोल जवाब दिया। ईडी के अधिकारियों के मुताबिक रिटायर्ड आईएएस मोहिंदर सिंह से अभी और पूछताछ की जाएगी।
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