उन्नाव में किस खेत से उठ रहा पराली का धुआं, जान जाएंगे सरकार
प्रदूषण बोर्ड व कृषि विभाग द्वारा सेटेलाइट से की जाएगी पराली जलाने वालों पर निगरानी
उन्नाव, अमृत विचार। खेतों में पराली को आग के हवाले कर वातावरण को दूषित करने वालों की निगरानी अब संबंधित विभाग सेटेलाइट के माध्यम से करेंगे। इसमें खेत से धुआं उठने पर अफसरों को इसकी जानकारी हो जाएगी और वे मौके पर पहुंचकर संबंधित किसान के विरुद्ध जांच कर सख्त कार्रवाई करेंगे। इसमें किसान के विरुद्ध 15 हजार तक जुर्माना के साथ एफआईआर तक दर्ज की जाएगी। अधिकारियों ने इसकी तैयारी शुरू होने का दावा भी किया है।
बता दें कि अब जिले में पराली जलाने की घटनाएं रोकने के लिए सेटेलाइट से निगरानी होगी। अगर किसी किसान ने अपने खेत में पराली जलाई तो उससे उठने वाले धुआं से पता चल जाएगा कि पराली कहां जलाई जा रही है। जानकारी होते ही उस किसान के विरुद्ध अफसर कार्रवाई करेंगे। जिला कृषि अधिकारी शशांक चौधरी ने बताया कि किसान पराली न जला पायें इसके लिये लेखपालों के अलावा कृषि कर्मचारियों को भी लगाया गया है। धान कटाई की सीजन में पराली जलाने की घटनायें बढ़ जाती हैं। जिससे वातावरण प्रदूषित होता है।
कहा कि कृषि विभाग के अफसरों द्वारा किसानों से पराली न जलाने की अपील की जा रही है। साथ ही चेताया जा रहा है कि अगर पराली जलाई तो उस किसान के विरुद्ध कार्रवाई के साथ जुर्माना किये जाने के साथ किसान के विरुद्ध मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा।
जिला कृषि अधिकारी ने कहा कि खेत में पराली जलाना दंडनीय अपराध है। पराली जलाने से खेत की उर्वरा शक्ति कम होती है। इसके जलाने से वातावरण भी प्रदूषित होता है। पराली जलाने की घटनायें रोकने के लिए सेटेलाइट से भी निगरानी की जाएगी। सेटेलाइट के जरिये तुरंत पता चल जाएगा कि कितने अक्षांश व देशांतर पर पराली जलाई जा रही है।
15 हजार तक लगेगा जुर्माना
अधिकारी ने बताया कि दो एकड़ से कम क्षेत्र के किसान के पराली जलाने पर 2500, दो से पांच एकड़ तक क्षेत्र में पांच हजार व पांच एकड़ से अधिक क्षेत्र में पराली जलाने पर 15 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा। इसकी पुनरावृत्ति होने पर संबंधित के विरुद्ध एफआईआर भी कराए जाने का प्रावधान है।
सीज की जाएगी कंबाईन मशीन
जिला कृषि अधिकारी ने कहा कि कंबाईन धारक अपने कंबाईन में स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (एसएमएस) लगाकर रखें। यदि कंबाईन धारक इस सिस्टम के बगैर कंबाईन से कटाई करते मिलेंगे तो उनकी कंबाईन को सीज करते हुये दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
उप्र प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अनिल माथुर ने कहा कि सेटेलाइट से निगरानी मुख्यालय से की जाएगी। वहां से संबंधित क्षेत्र की जानकारी जिले के अधिकारियों को दी जाएगी। इसके बाद हम लोग मौके पर जाकर संबंधित किसान के विरुद्ध विभिन्न प्रकार की कार्रवाई करेंगे।