25000 में इंटर और 50000 स्नातक में देते थे शैक्षिक बोर्ड के मार्कशीट, सरगना फरार, एक गिरफ्तार

84 जाली अंकपत्र, प्रमाण पत्र, लैपटाप, पेपर कटिंग मशीन, और कंप्यूटर बरामद

25000 में इंटर और 50000 स्नातक में देते थे शैक्षिक बोर्ड के मार्कशीट, सरगना फरार, एक गिरफ्तार

लखनऊ, अमृत विचार। पेपर मिल कालोनी में एक किराए के मकान में 3 महीने से शैक्षिक बोर्ड की जाली मार्कशीट छापी जा रही थी। महानगर पुलिस ने बुधवार रात छापेमारी कर राम प्रकाश वर्मा को गिरफ्तार कर लिया। सरगना मनीष उर्फ मांगे फरार है। जालसाज अनपढ़ लोगों की नौकरी लगवाने के लिए कई बोर्डों और शैक्षिक संस्थानों की डुप्लीकेट मार्कशीट बनाकर बेचते थे। इंटर की मार्कशीट के लिए 25 हजार और स्नातक के लिए 50 हजार लिए जाते थे। पुलिस मनीष की तलाश कर रही है।

डीसीपी मध्य रवीना त्यागी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी बिहार निवासी राम प्रकाश वर्मा सेक्टर -22 इंदिरानगर में रहता है। जाली मार्कशीट बनाने के लिए पेपर मिल कालोनी में दीपक मल्लन का मकान खुद को डॉक्टर बताने वाले मनीष प्रताप सिंह उर्फ मंगेराम ने 2 अगस्त को किराए पर लिया था। पुलिस की छापेमारी के दौरान मौके से राम प्रकाश को पकड़ा गया। छापेमारी के समय सरगना मनीष उर्फ कहीं बाहर गया था।

मौके से उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली बोर्ड समेत कई अन्य राज्यों की हाईस्कूल, इंटर, स्नातक, आयुर्वेद संस्थान, राजकीय मुक्त विवि के जाली 84 प्रमाणपत्र, अंकपत्र आदि मिले हैं। इसके अलावा 1 लैपटाप, पेपर कटिंग मशीन, मोबाइल और कंप्यूटर से संबंधित अन्य सामग्री बरामद हुई है। राम प्रकाश से पूछताछ में पता चला कि गिरोह अबतक हजारों लोगों को फर्जी मार्कशीट और प्रमाणपत्र बेच चुके हैं। गिरोह का नेटवर्क कई राज्यों में फैला है।

इन शैक्षणिक संस्थानों की जाली मार्कशीट हुईं बरामद

एसीपी महानगर नेहा त्रिपाठी ने बताया कि कि कमरे से गुरुकुल विवि मथुरा, विदर्भ बोर्ड ऑफ आयुर्वेदिक यूनानी सिस्टम ऑफ मेडिसिन महाराष्ट्र, महाकौशल आयुर्वेदिक बोर्ड जबलपुर, राजकीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल रायपुर, केंद्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान उत्तर प्रदेश, बोर्ड ऑफ हायर सेकेंड्री एजुकेशन दिल्ली, राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड उत्तर प्रदेश, नेशनल नर्सिंग मिडवाइफरी काउंसलिंग, भारतीय वैदिक विद्या पीठ लखनऊ और अन्य बोर्ड के शैक्षिक प्रमाण पत्र व मार्कशीट बरामद हुई है।

जाली मार्कशीट और सेक्स रैकेट में पकड़ा गया था मनीष

इंस्पेक्टर अखिलेश कुमार मिश्र ने बताया कि मूल रूप से मथुरा निवासी मनीष के हुसैनगंज और हीवेट रोड पर दो मकान थे। सितंबर 2021 में चिनहट पुलिस ने जाली मार्कशीट के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसके बाद अमीनाबाद पुलिस ने 11 फरवरी 2022 में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उस समय हीवेट रोड पर रहता था। मनीष ने पुलिस कंट्रोल रूम को गोली चलने की सूचना दी थी।

तफ्तीश में मनीष का उसके बेटे से विवाद प्रकाश में आया था। पुलिस ने घर की तलाशी ली तो तमाम जाली शैक्षिक दस्तावेज मिले थे। इस मामले में पुलिस ने गिरफ्तारी की थी। जांच में सामने आया था कि गिरोह में एक युवती भी शामिल है। युवती के जरिए वह सेक्स रैकेट संचालित करता था। अमीनाबाद पुलिस ने हीवेट रोड स्थित मकान समेत करोड़ों कीमत की मनीष की कई संपत्तियां कुर्क की थी।

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