Bareilly: लोनिवि में निर्माण कार्यों के भुगतान में भ्रष्टाचार, जांच के लिए कमेटी गठित

Bareilly: लोनिवि में निर्माण कार्यों के भुगतान में भ्रष्टाचार, जांच के लिए कमेटी गठित

बरेली, अमृत विचार: लोक निर्माण विभाग में निर्माण कार्य पूरा होने के बाद ठेकेदारों से भुगतान के लिए रिश्वत मांगने के मामले की जांच के लिए अधीक्षण अभियंता प्रकाश चंद्र ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है।

मंडलीय कॉन्ट्रेक्टर्स एसोसिएशन ने 22 अक्टूबर को निर्माण कार्य पूरा होने के बाद भी भुगतान रोककर घूस मांगने, जिला कारागार के निर्माण कार्य को मेरठ के ठेकेदार को बिना बताए दूसरे ठेकेदार को देने का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। अधीक्षण अभियंता बरेली प्रकाश चंद्र ने आदेश दिया कि प्रकरण में भ्रष्टाचार की जांच कराने के लिए कमेटी गठित की जाती है। 

कमेटी में अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड राजेश कुमार, अधिशासी अभियंता निर्माण खंड-1 राजीव अग्रवाल और सहायक अभियंता निर्माण खंड भवन राकेश नौटियाल कमेटी में शामिल किए हैं। इसमें राजेश कुमार को अध्यक्ष, राजेश को सदस्य और राकेश को प्रस्तुतकर्ता बनाया है।

अधीक्षण अभियंता ने जांच अधिकारियों को निर्देशित किया है कि शिकायती पत्र में उल्लेखित तथ्यों की जांच कर रिपोर्ट एक सप्ताह में दें। इसके अलावा प्रकरण से संबंधित सहायक अभियंताओं को जांच में सहयोग करने के भी निर्देश दिए हैं। सहायक अभियंता राकेश नौटियाल को शिकायत से संबंधित समस्त प्रमाणित अभिलेख गठित जांच कमेटी को शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

अफसरों पर लगाए थे गंभीर आरोप
मंडलीय कॉन्ट्रेक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष शिव कुमार अग्रवाल ने शिकायत की है कि 29 सितंबर 2021 को हुए अनुबंध के अनुसार अग्रवाल कंस्ट्रक्शन कंपनी की ओर से वित्तीय वर्ष 2021-22 में जिला कारागार के अंदर 30 क्षमता की आठ बैरक, 64 सेल शौचालय और पार्टीशन दीवार का निर्माण कराया था। करीब 80 लाख के निर्माण कार्य कराए थे। आरोप लगाया है कि अफसरों ने जेल के बाहर एक गार्ड्स रूम लिंटर स्तर तक का कार्य अग्रवाल कंस्ट्रक्शन कंपनी से करा लिया लेकिन अतिरिक्त निर्माण सक्षम अधिकारी की ओर से स्वीकृत नहीं किया गया और इसका अलग से टेंडर कर दिया। 

21 अक्टूबर 2022 को यह कार्य मेरठ की ही दूसरी कार्यदायी संस्था को देकर पूरा करा लिया। लिंटर स्तर तक बीम में जो सरिया इस्तेमाल हुई, उसका कम मात्रा का आकलन किया गया। माप लेने के दौरान ठेकेदार की सहमति भी नहीं ली गई। ठेकेदार को बार-बार पत्र भेज धमकाया गया। ठेकेदार का कार्य समायोजन करने की बात कही जा रही है। जेल के बाहर गार्ड रूम कार्य का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है।

एक सप्ताह का समय तो गुजर गया
अधीक्षण अभियंता ने 26 अक्टूबर को जांच कमेटी गठित कर आदेश जारी किया। एक सप्ताह के अंदर जांच रिपोर्ट मांगी लेकिन आदेश की तारीख से देखा जाए ताे एक सप्ताह का समय तो गुजर गया लेकिन जांच पूरी नहीं हुई है।

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