रुद्रपुर: नशे में नीरज बना लाचार, वहीं ऑटो चालक बना हैवान

रुद्रपुर: नशे में नीरज बना लाचार, वहीं ऑटो चालक बना हैवान

मनोज आर्या, रुद्रपुर। जहां एक ओर सिडकुल कर्मी नीरज पंत का अ त्या धिक शराब पीना उसकी लाचारी बन गई। वहीं शराब के नशे में धुत अपराधी ऑटो रिक्शा चालक चंद पैसों की खातिर हैवान बन बैठा। यहीं लाचारी व हैवानियत हत्याकांड की वजह बनी।

सीओ किच्छा बीएस चौहान ने बताया कि जब हत्यारोपी ऑटो चालक चंदन चौधरी से पूछताछ की। तो उसने बताया कि रोडवेज पर सिडकुल कर्मी नीरज इतनी शराब का सेवन कर चुका था कि वह चलते वक्त भी लड़खड़ा रहा था। साथ ही उसने भी रोडवेज के समीप शराब का सेवन किया हुआ था।

जब वह नीरज को बैठाकर सूनसान मार्ग नारायणपुर गांव ले गया। तो उस वक्त नीर ज बार-बार ऑटो में भी ठीक से बैठ नहीं पा रहा था और जैसे ही उसने नीचे उतार कर पर्स छीनने की कोशिश की। तो नीरज ने हाथापाई कर दी। बस क्या था नशे में धुत्त ऑटो चालक हैवान बन गया।

नजदीक पड़ी पेड़ की टहनी का डंडा सिर पर मारा, तो नीरज लड़खड़ाते हुए खेतों की ओर भागा और छह फिट के गड्ढे में गिर गया। शराब ने नीरज को इतना लाचार बना दिया था कि गड्ढे में गिरने के बाद जब हत्यारोपी ताबड़तोड़ प्रहार कर र हा था। उस वक्त नीरज कोई बचाव की मुद्रा में नहीं था। वहीं नशे में होने के बाद भी चालक हैवानियत पर उतर गया। कई प्रहार करने के बाद जब नीरज मर गया। उसके बाद चालक ने लूटपाट को अंजाम दिया। यदि नीरज अत्याधिक शराब का सेवन नहीं करता, तो शायद आज जिंदा होता और एक ऑटो चालक हैवान नहीं बन ता।

गिरवी में रखा लूटा गया मोबाइल
सिडकुल कर्मी नीरज हत्याकांड को अंजाम देने के बाद हत्यारोपी ऑटो रिक्शा चालक इतना शातिर था कि 30 अक्टूबर की सुबह उसने लूटा गया मोबाइल एक किन्नर के पास 500 रुपये में गिरवी में रख दिया। जब सर्विलांस टीम ने मोबाइल की लोकेशन निकाली। तो मोबाइल किन्नर के पास मिला। इसके बाद किन्नर ने ही चंदन चौधरी हत्यारोपी द्वारा यह कहकर मोबाइल गिरवी में रखा कि उसे पैसों की जरूरत है। काफी आग्रह के बाद किन्नर ने मोबाइल गिरवी में रखा।

अब हर वारदात में एसओपी करेगी काम
जिस प्रकार चौबीस घंटे के अंदर एसओजी व पुलिस की संयुक्त टीम ने नीरज हत्याकांड का पर्दाफाश कर दिया। उसके बाद एसएसपी ने एसओपी नाम की एक टीम का गठन कर दिया है। इस टीम में एसओजी के अलावा संबंधित घटनास्थल की एक टीम कार्य करेगी। जिसमें सबसे ज्यादा सर्विलांस व सीसीटीवी कैमरों को खंगालने के साथ ही मैनुअल व तकनीकी तफ्तीश होगी,क्योकि नीरज हत्याकांड में इसी प्रकार आपसी समाजस्य बनाकर कार्य हुआ और हत्याकांड का पर्दाफाश चंद घंटों में हो ग या।

खुलासे में तीसरी आंख बन रही वरदान
 एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि किच्छा में हुए चौकीदार हत्याकांड हो या फिर नीरज हत्याकांड। सीसीटीवी कैमरों की अहम भूमिका रही। बताया कि जिले में 950 सीसी टीवी कैमरे लगे हुए है। अब मकसद यह रहेगा कि सीसीटीवी कैमरों को उन मार्गो पर लगाया जाएं। जहां अपराध का ग्राफ बढ़ा है और सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे है। उन्होंने जल्द ही सहयोग के मा ध्यम से कमरों की संख्या बढ़ाने की दिशा में कार्य करना शुरू कर दिया है।


एसओजी टीम पर फिदा दिखे कप्तान
नीरज हत्याकांड के दौरान बार-बार एसओजी की कार्यशैली को देख जिले के कप्तान मणिकांत मिश्रा बार-बार एसओ जी की प्रशंसा करते दिखे। यहां तक कि उन्होंने यह भी कह दिया कि टीम अपना-अपना परफॉरमेंस दिखाते रहे। उन्हें कहां-कहां फिट करना है। उनके दिमाग में चल रहा है। साथ ही उन्होंने एसओजी के अलावा किच्छा पुलिस के तालमेल की भी प्रशंसा की। कहा कि जिसका जैसा काम। उसको वैसे ही जिम्मेदारी से नवाजा जाएंगा।

दोस्तों की पार्टी में व्यस्त हो गया था नीरज
सिडकुल कर्मी 28 अक्टूबर की बजाज ऑटो कंपनी सिडकुल की बस से दोपहर ढाई बजे रुद्रपुर आया था और कंपनी में जाने के बजाय उसने पहले सिडकुल इलाके में ही दोस्तों के साथ पार्टी की और शाम ढलते ही फिर रोडवेज जाकर दूसरे दोस्तों के साथ शराब का सेवन किया। जब सारे दोस्त चले गए। तो नीरज ने पुन:खुद शराब खरीद कर इतनी शराब का सेवन कर लिया था कि कब 28 अक्टूबर से 29 अक्टूबर लग गया। उसे पता नही चला। वहीं शराब का सेवन हत्याकांड में बदल गया।

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