लखनऊ: ट्रेन पलटाने की साजिश में बीटीएस की मदद से एटीएस संदिग्धों की कर रही तलाश

ट्रेन पलटाने की साजिश में रेलवे ट्रैक पर रखी गई थी 10 किलो की लकड़ी का टुकड़ा

लखनऊ: ट्रेन पलटाने की साजिश में बीटीएस की मदद से एटीएस संदिग्धों की कर रही तलाश

मलिहाबाद/ लखनऊ, अमृत विचार। लखनऊ के ‌मलिहाबाद और काकोरी के बीच बरेली-वाराणसी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश में एटीएस को जांच सौंपी गई है। एटीएस टीम स्थानीय पुलिस, जीआरपी और आरपीएफ की मदद से एटीएस बीटीएस सिस्टम के सहयोग से घटना के वक्त मौजूद लोगों के मोबाइल नेटवर्क जांच कर रही है।

फिलहाल, शक के आधार पर कई लोगों के मोबाइल नेटवर्क को खंगाला गया है, जिसमें कई संदिग्ध की भूमिका सामने आ रही है। ‌जांच एजेंसी कई पहलुओं पर मामले की तफ्तीश में जुटी है। वही उत्तर रेलवे के मुरादाबाद मंडल ने इस घटना को संज्ञान में लेते हुए एक कमेटी भी बनाई है। यह कमेटी आसपास के गांव में रहने वाले लोगों से पूछताछ कर रही है।

गौरतलब है कि गुरुवार रात करीब 9.05 बजे बरेली वाराणसी एक्सप्रेस (14236) के इंजन में रेलवे ट्रैक पर रखा करीब 10 किलो का लकड़ी का टुकड़ा फंस गया था। इसके बाद लोको पायलट ने सूझबूझ के साथ ब्रेक लगा दिया जिससे ट्रेन पलटने से बच गई। फिर लोको पायलट ने स्टेशन मास्टर को तत्काल इस मामले से अवगत करा अब और डाउन ट्रैक के लिए चेतावनी जारी की। 

इसके आधार पर ट्रैक से गुजरने वाली एक्सप्रेस सुपरफास्ट और पैसेंजर गाड़ियों का संचालन कुछ घंटे के लिए रोक दिया गया। हालांकि, जब यह मामला आलाधिकारियों के संज्ञान में पहुंचा, तो तब घटनास्थल पर जीआरपी और आरपीएफ टीम मुआयना करने पहुंची। अधिकारियों ने बताया कि लकड़ी का वजन करीब 10 किलो है। किसी तरह ट्रैक से लकड़ी के टुकड़े को हटाया गया, इसके साथ ही इंजन में फंसे कुछ हिस्से को भी हटाया गया। ‌ लगभग 2 घंटे बाद 11:15 लखनऊ हरदोई रेल मार्ग जांच पड़ताल के बाद बहाल हुई। 

एटीएस प्रभारी निरीक्षक विक्रम सिंह ने बताया रेलवे ट्रैक पर करीब 2 फीट लंबा और 10 किलो वजनी लकड़ी का टुकड़ा रखा गया था इसके साथ ही टैक के छोटे-छोटे पत्थर रखे गए थे इस अवरोध की वजह से सिग्नल डिवाइस को भी नुकसान पहुंचा है जिसे बाद में सही कराई लिया गया है। उन्होंने बताया कि तहरीर के आधार पर मलिहाबाद कोतवाली में प्राथमिक की दर्ज कराई गई है। 

शनिवार सुबह एटीएस घटनास्थल का मुआयना कर जांच कर रही है। ट्रेन पलटाने की साजिश में बीटीएस प्रणाली को अमल में लाया गया है। बीटीएस की मदद से घटना के वक्त मौजूद लोगों के मोबाइल नेटवर्क को भी खंगाला जा रहा है, तमाम संदिग्ध लोगों के नंबर रडार पर आए हैं, जिनकी गहनता से जांच की जा रही है। अभी कुछ भी कह पाना नामुमकिन है। 

रेलवे सुरक्षा एजेंसी ने बनाई जांच कमेटी 

रेलवे अधिकारियों की मानें तो, मुरादाबाद मंडल ने आरपीएफ और जीआरपी के अलावा स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर एक जांच कमेटी बनाई है। रेलवे सुरक्षा एजेंसी भी सतर्कता के साथ मामले की तफ्तीश कर रही है।‌ यह कमेटी घटना स्थल के आसपास के गांव में रहने वाले लोगों और शरारती तत्वों की कुंडली खंगालने के साथ ही उन पर कड़ी निगरानी रखे हैं। डीपी पश्चिम ओमवीर सिंह ने बताया आरपीएफ ने सूचना दी की रेलवे ट्रैक पर लकड़ी का टुकड़ा मिला है। पुलिस टीम मौके पर पहुंची है उसे हटाया गया है। 

सीनियर सेक्शन इंजीनियर

रेलपथ अजय कुमार की लिखित शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले का पर्दाफाश करने के लिए पुलिस की दो टीमें लगाई गई हैं। इसके साथ ही जेल से छूट या जमानत से रिहा हुए अभियुक्तों से भी पूछताछ की जा रही है।

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