कानपुर में सोना कांड में फंसे निलंबित थानेदार का ऑडियो वायरल: बोले- आरोपी और सोने को बर्रा थानेदार को सौंप दिया था

सोना कांड में फंसे निलंबित थाना प्रभारी का ऑडियो वायरल

कानपुर में सोना कांड में फंसे निलंबित थानेदार का ऑडियो वायरल: बोले- आरोपी और सोने को बर्रा थानेदार को सौंप दिया था

कानपुर, अमृत विचार। बर्रा में शिक्षिका शालिनी के घर हुई लाखों की चोरी की घटना में पुलिस के खेल का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इसी घटना में चोर को पकड़ने के बाद तकरीबन 25 लाख रुपये का सोना तत्कालीन रेलबाजार थाना प्रभारी विजयदर्शन शर्मा, एक अंडरट्रेनिंग दरोगा, दो हेड कांस्टेबल व सिपाही को निलंबित कर दिया गया था। 

सोना हड़पने का आरोप लगने के बाद पहली बार गुरुवार को सोशल मीडिया पर अपनी सफाई देते हुए एक ऑडियो वायरल किया। वायरल ऑडियो में निलंबित थाना प्रभारी विजय दर्शन का कहना था कि मैंने बरामद माल और चोर को बर्रा पुलिस के हवाले कर दिया था। केस डायरी के दो पर्चे भी वायरल हुए। उनका कहना था कि अगर मैंने सोना हड़पा तो अब तक पुलिस की लिखापढ़ी में क्यों नहीं है। 

बर्रा छह निवासिनी शिक्षिका शालिनी दुबे पत्नी सिलीगुड़ी में तैनात बीएसएफ जवान पीके दुबे के घर 30 सितंबर को चोरी हो गई थी। घटना में चोर 25 लाख रुपये कीमत का सोना और 5 लाख रुपये कैश पार कर ले गए थे। वह स्कूल गई थी तभी दिनदहाड़े घर पर चोरी हुई थी। देर शाम वह घर पहुंचीं, तो चोरी की जानकारी हुई थी। 

उन्होंने बर्रा थाने में चोरी की एफआईआर दर्ज कराई थी। जांच कर रहे बर्रा इंस्पेक्टर राजेश शर्मा ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से एक चोर को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद दूसरा चोर भी पकड़ा गया था। तब चोर ने बताया कि उसके पास से 25 लाख के जेवरात रेलबाजार थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी विजय दर्शन ने ले लिया है। चोरी 25 लाख का सोना बरामद करने और फिर गलाकर बेचने के मामले में जांच बैठाई गई। 

जांच में दोषी मिलने पर रेलबाजार थाना प्रभारी विजय दर्शन, अंडर ट्रेनिंग दरोगा नीरज श्रीवास्तव, हेड कांस्टेबल सुभाष तिवारी, आमिल हाफिज व कांस्टेबल आकश कुमार को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद विभागीय जांच बैठा दी गई है। 

पांच बिंदुओं पर दी सफाई 

यहां सभी मीडियाकर्मियों को अवगत कराना चाहता हूं मैं उपनिरीक्षक विजय दर्शन बोल रहा हूं, मेरे ऊपर आरोप लगा है कि चोर को पकड़कर छोड़ दिया और 25 लाख का सोना गलाकर बेच दिया। मैं इस मामले में तथ्यों के साथ अवगत कराना चाहता हूं कि मेरे सस्पेंशन लेटर जिसमें लिखा है कि मेरे द्वारा 10 अक्तूबर को चोर और बरामद माल बर्रा एसओ राजेश शर्मा को दिया। अगर 10 तारीख को चोर और बरामद माल दिया तो 12 तारीख तक चोर और बरामद माल को कहां रहा। 12 को उसकी गिरफ्तारी बर्रा थाने से दिखाई जा रही है। कहीं भी चोर ने मेरा नाम नहीं लिया अब तक।

इसके बाद मैं आपको 21 अक्तूबर का भी पर्चा भेज रहा हूं। जो कि न्यायालय ने सीन भी किया है। इसमें अभी तक मेरा नाम कहीं भी खोला गया है। इससे एक बात तो साफ है कि पुलिस की लिखापढ़ी में कोई भी ऐसा तथ्य नहीं आया जिससे कि मेरा नाम सामने आया हो और चोर को पकड़कर छोड़ दिया या फिर सोना गलवाकर बेच दिया।

ऑडियो में आगे यह भी कहा कि आरोप लगाया जा रहा है कि गाजियाबाद में तैनाती के दौरान एक जिम ट्रेनर को गोली मार दी थी। न्यायालय ने उक्त मामले में मुझे निर्दोष मानते हुए दोषमुक्त कर दिया गया। मुझे जबरदस्ती छ्ट्टी पर भेज देने की बात कही जा रही है, मुझे फोर्स लीव पर भेज दिया गया था। मैं अपने माता पिता की तबियत खराब होने पर नियमता थ छुट्टी लेकर संस्तुति पर गया था। इस संबंध में भी विजय दर्शन ने अपने दस्तावेज दिया कि अफसरों ने जांच के बाद उन्हें क्लीनचिट दी है।

अगर कोई निर्दोष है तो जांच अफसरों के सामने अपना पक्ष रखें। बयान दर्ज कराने नहीं आ रहे और गैरहाजिर क्यों चल रहे हैं। सोशल मीडिया पर सरकारी दस्तावेजों को वायरल किया गया। जांच कर कार्रवाई की जाएगी।- हरीश चंदर, अपर पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था

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