Hardoi News: भैंस का आधार कार्ड लाओ तब दर्ज होगी FIR, हरदोई पुलिस ने किया गजब कारनामा

Hardoi News: भैंस का आधार कार्ड लाओ तब दर्ज होगी FIR, हरदोई पुलिस ने किया गजब कारनामा

हरदोई, अमृत विचार। साहब भैंस चोरी हो गई, मुकदमा लिखिए। पुलिस का जवाब मिला भैंस का पहचान पत्र, आधार कार्ड लेकर आओ तक FIR होगी। यह गजब कारनामा हरदोई पुलिस का है। शर्मशार करने वाले यह कारनाम जिले में वायरल हुआ तो पुलिस की छवि धुमिल होती देख एसपी ने पीड़ित से बात की। पीड़ित की शिकायत पर एसपी ने एक सीओ को मामले की जांच सौंपी है। 

मामला हरदोई जिले के टड़ियावां थाना क्षेत्र का है। यहां के रहने वाले रंजीत की भैंस 20 अक्टूबर की रात चोरी हो गई। काफी खोजबीन के बाद भी भैस का पता नहीं चला तो वो थानाक्षेत्र के हरिहरपुर चौकी पहुंचा। रंजीत ने भैंस चोरी की रिपोर्ट दर्ज करने की गुजारिश की।

रंजीत के मुताबिक काफी देर तक टालमटोल करने के बाद चौकी प्रभारी ने कहा कि भैंस चोरी की रिपोर्ट ऐसे नहीं लिखी जाएगी। पहले भैस का कोई पहचान पत्र और आधार कार्ड लेकर आओ। दरोगा की बात सुनकर अचंभित रंजीत के समझ में नहीं आया कि भैस का आधार कार्ड कहां से लाए।

पुलिस का रवैया देख वो जिले के एसपी नीरज जादौन के पास पहुंचा। उसने एसपी को मामले की जानकारी दी तो वह भी हैरत में पड़ गए। उन्होंने कोतवाल अशोक सिंह ने पूछताछ की तो कोतवाल ने भैस का आधार कार्ड मांगे जाने की बात से इंकार कर दिया। हालांकि एसपी ने पुलिस के रवैये से नाराज होकर सीओ को जांच सौंप दी। 

भैंसे के डीएनए टेस्ट तक बात पहुंची

यूपी में भैंस चोरी के बाद इस तरह का यह पहला मामला नहीं है। पश्चिमी यूपी के शामली जिले के झिंझाना गांव निवासी किसान चंद्रपाल का भैंसा 2020 में चोरी हो गया। रिपोर्ट दर्ज करने के बाद भी पुलिस भैंसा नहीं ढूंढ पाई। कुछ दिन बाद चंद्रपाल को सहारनपुर के गंगोह गांव में एक अन्य किसान के दरवाजे पर वहीं भैंसा बंधा दिखा। चंद्रपाल ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। पुलिस पहुंची तो दोनों किसानों के बीच भैंसे के मालिकाना हक को लेकर विवाद खड़ हो गया। भैंसा किसका है यह तय करने के लिए फैसला लिया गया कि उसक डीएनए टेस्ट कराया जाए। चंद्रपाल ने दावा किया कि भैंसे की मां भैंस उनके पास है इसलिए उसका डीएनए मिलान कराया जा सकता है।

भैंस ही बताए उसका मालिक कौन

साल 2017 में हरिद्वार में एक ऐसा ही मामला सामने आया जिसमें पुलिस ने भैंस से ही पूछा तुम्हारा मालिक कौन है। दरअसल यहां रमेश और सचिन नाम के दो व्यक्ति थाने पहुंचे और एक ही भैंस पर अपना-अपना मालिकाना हक जताते हुए घर ले जाने की बात पर विवाद करने लगे। काफी नोकझोक हुई लेकिन भैंस किसकी है यह तय नहीं हो पाया। इसपर पुलिस ने तय किया कि भैंस को चौराहे पर छोड़ दिया जाए। वह खुद से जिसके दरवाजे पर जाकर खड़ी होगी भैंस उसी की मान ली जाएगी।

भैंस ने ही सुलझा लिया विवाद

प्रतापगढ़ जिले में जुलाई 2024 में भैंस को लेकर ऐसा ही विवाद खड़ा हुआ। यहां भैंस ने खुद विवाद हो सुलझा लिया। हुआ यूं कि राय असकरन पुर निवासी नंद लाल की भैंस मंगलवार को चरने गई, लेकिन शाम को घर वापस नहीं आई। तलाश हुई तो पता चला कि भैंस पूरे हरिकेश गांव में हनुमान सरोज के यहां बंधी है। नंद लाल हनुमान सरोज के घर पहुंचा तो उसने अपनी भैंस बताते हुए देने से इन्कार कर दिया। शिकायत मिलने पर पुलिस ने दोनों पक्षों को भैंस के साथ थाने बुलाया।

भैंस के शरीर में बने निशान के बाबत पूछताछ कर मामले को निस्तारित करने का प्रयास किया गया, लेकिन फिर भी पुलिस किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी। इस बीच एक दारोगा को एक उपाय सूझा। उन्होंने दोनों पक्षों को थाने के बाहर निकाल दिया और गेट बाहर खड़ा कर दिया। भैंस को खुला छोड़ दिया। भैंस नंदलाल के पास पहुंच गई। इसपर सर्वसंम्मति से भैस नंदलाल की मान ली गई।

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