सी. पी. योगेश्वर ने छोड़ा भाजपा का साथ, कांग्रेस में हुए शामिल, उपचुनाव में भाजपा के खिलाफ होंगे खड़े

सी. पी. योगेश्वर ने छोड़ा भाजपा का साथ, कांग्रेस में हुए शामिल, उपचुनाव में भाजपा के खिलाफ होंगे खड़े

बेंगलुरु, अमृत विचारः कर्नाटक में एक नाटकीय घटनाक्रम में बड़ा फेर बदल हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और पूर्व मंत्री सी. पी. योगेश्वर बुधवार को अपनी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्हें 13 नवंबर को चन्नपटना विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतारे जाने की संभावना है। योगीश्वर ने सोमवार को विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। 

उन्होंने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद सुबह मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार से मुलाकात की। शिवकुमार ने यहां कांग्रेस के राज्य मुख्यालय में मंत्री रामलिंगा रेड्डी, कृष्ण बायरे गौड़ा, चेलुवरायस्वामी और जमीर अहमद खान सहित पार्टी के अन्य नेताओं की उपस्थिति में योगेश्वर को पार्टी में शामिल किया। संदूर और शिग्गांव विधानसभा क्षेत्रों के साथ चन्नपटना सीट पर भी उपचुनाव होंगे। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर और नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर है। 

जनता दल (एस) के प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी के मांड्या संसदीय क्षेत्र से लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद खाली हुई चन्नपटना सीट पर उपचुनाव हो रहा है। भाजपा द्वारा चन्नपटना सीट गठबंधन सहयोगी जद (एस) को दिए जाने के बाद, अभिनेता से नेता बने योगेश्वर ने गठबंधन नेताओं से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के संबंध में विचार करने की अपील की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि टिकट नहीं मिलने पर वे निर्दलीय चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। जद (एस) के सूत्रों ने कहा कि योगीश्वर को पार्टी के टिकट पर मैदान में उतारने की योजना थी, लेकिन वह इसमें रुचि नहीं ले रहे थे। इसके बजाय वह चाहते थे कि कुमारस्वामी उन्हें भाजपा उम्मीदवार के रूप में समर्थन दें, जो कुमारस्वामी और उनकी पार्टी को स्वीकार्य नहीं था। कांग्रेस के एक वर्ग की ओर से चन्नपटना से शिवकुमार के भाई और पूर्व सांसद डी. के. सुरेश को टिकट देने की मांग की जा रही है, लेकिन कहा जा रहा है कि उन्होंने इस क्षेत्र में योगीश्वर की ‘‘लोकप्रियता, प्रभाव और जीतने की संभावना’’ को देखते हुए उन्हें मैदान में उतारने का फैसला किया है। योगीश्वर पहले भी इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। ‘‘डी. के़ बंधु’’ शिवकुमार और सुरेश, वोक्कालिगा जाति बहुल क्षेत्र में कांग्रेस की खोई जमीन वापस पाने की उम्मीद कर रहे हैं, जो उनका गृह क्षेत्र है। 

लोकसभा चुनाव में सुरेश भाजपा-जद (एस) के संयुक्त उम्मीदवार और कुमारस्वामी के रिश्तेदार डॉ. सी. एन. मंजूनाथ से बेंगलुरु ग्रामीण में हार गए थे। चन्नपटना विधानसभा सीट बेंगलुरु ग्रामीण के अंतर्गत आती है। जद (एस) सूत्रों के अनुसार, चन्नपटना सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके कुमारस्वामी इसे योगीश्वर या भाजपा को नहीं देना चाहते थे। कुमारस्वामी ने 2018 और 2023 में चन्नपटना सीट जीती थी। उससे पहले योगीश्वर भाजपा और समाजवादी पार्टी (सपा) से इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इससे पहले वे निर्दलीय और कांग्रेस दोनों ही उम्मीदवारों के तौर पर भी इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। 

यह भी पढ़ेः 2 दिसंबर से पूरे प्रदेश में जेल भरो आंदोलन शुरू करेंगे माध्यमिक शिक्षक, अधिकारों को लेकर निदेशालय पर गरजे माध्यमिक शिक्षक