Kannauj: आर्डर, आर्डर, थानाध्यक्ष तालग्राम अदालत में हाजिर हों!...खाकी मनमानी पर उतारू; FIR दर्ज हुए 42 महीने बीते पर नहीं लगी चार्जशीट व अंतिम रिपोर्ट

Kannauj: आर्डर, आर्डर, थानाध्यक्ष तालग्राम अदालत में हाजिर हों!...खाकी मनमानी पर उतारू; FIR दर्ज हुए 42 महीने बीते पर नहीं लगी चार्जशीट व अंतिम रिपोर्ट

कन्नौज, अमृत विचार। कानून का पालन कराने के लिए जिस खाकी पर जिम्मा है वह मानमानी पर उतारू है। मारपीट व हमले के मामले को दर्ज हुए करीब 42 महीने गुजर चुके हैं लेकिन पुलिस ने न तो उसमें चार्जशीट दाखिल की और न ही अंतिम रिपोर्ट लगाई है। सिविल जज सीनियर डिवीजन/ एसीजेएम (एफटीसी) ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और तालग्राम थानाध्यक्ष को 24 अक्टूबर को तलब होने का अंतिम मौका दिया है। हालांकि पहले 21 अक्टूबर तक का समय था जो बढ़ा दिया गया है। 

वादी की पैरवी कर रहे अधिवक्ता विकास गुप्ता ने बताया कि प्रभारी सिविल जज सीनियर डिवीजन/ एसीजेएम (एफटीसी) विपिन यादव की कोर्ट में सोमवार को मामले की सुनवाई हुई। इसमें थानाध्यक्ष तालग्राम को नोटिस जारी हुआ है। 26 अप्रैल 2021 को अपराध संख्या 89/2021 के तहत धारा 147, 323, 427, 452 व 504 आईपीसी के तहत वाद दर्ज हुआ था। 23 सितंबर 2024 को प्रार्थना पत्र दिया गया कि विवेचना के बाद न्यायालय में अब तक आरोप पत्र या अंतिम रिपोर्ट नहीं दी गई है। 

17 अक्टूबर को भी थानाध्यक्ष के पास अदालत का नोटिस जारी हुआ था लेकिन कोई प्रपत्र दाखिल नहीं किए गए और न ही थानाध्यक्ष स्वयं न्यायालय में उपस्थित हुए हैं। इससे न्यायालय के आदेश की घोर अवहेलना की जा रही है। अदालत से जारी हुए नोटिस में कहा गया है कि विवेचना के सभी प्रपत्र समेत 24 अक्टूबर को थानाध्यक्ष तालग्राम को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित होने का न्यायहित में अंतिम अवसर दिया जाता है। अन्यथा थानाध्यक्ष के खिलाफ कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने का मामला दर्ज किया जाएगा। बताया जा रहा है कि चार्जशीट या फाइनल रिपोर्ट दाखिल करने का अधिकतम समय तीन महीने का होता है। 
 
2021 में 14 लोगों पर दर्ज हुई थी रिपोर्ट

थाना तालग्राम क्षेत्र के मवई निवासी अवधेश पुत्र बटेश्वर सिंह ने 20 अप्रैल 2021 की घटना का हवाला देते हुए 26 अप्रैल को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया कि गांव निवासी शेर सिंह पुत्र ईश्वरी प्रसाद, संतोष, राजीव व संजीव पुत्रगण मैकूलाल और अनिल व अवनीश पुत्रगण कामता प्रसाद, शिवम पुत्र अनिल कुमार, कौशलेंद्र व गोरेलाल पुत्र राजेश, रोहित पुत्र अशोक, प्रमोद पुत्र रामरतन, शिवम उर्फ मोहित पुत्र मनोज कुमार, विनोद व राजेश पुत्रगण नत्थू सिंह कुल 14 लोगों ने घटना वाले दिन साढ़े आठ बजे गालीगलौज करते हुए घर पर लाठी डंडे व ईंट पत्थर से महिलाओं पर हमला बोल दिया था। 

इसमें देवकी पत्नी नरेंद्र सिंह, मंजू पत्नी प्रदीप कुमार व रोहिनी पुत्री अवधेश के गंभीर चोटें आईं। आरोपियों ने घर में घुसकर तोड़फोड़ भी की। रोहिनी का मेडिकल परीक्षण उस समय नहीं हुआ था और देवकी व मंजू का करा लिया गया है। उस समय तालग्राम थाना के अवर निरीक्षक आनंद पांडेय को जांच अधिकारी बनाया गया था। कृष्णलाल पटेल इंस्पेक्टर थे। 

एक महीने पहले लगाई गुहार

अधिवक्ता विकास गुप्ता ने बताया कि 23 सितंबर 2024 को अवधेश पुत्र बटेश्वर ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। इसमें कहा कि तालग्राम पुलिस ने विपक्षियों से मिलकर अब तक मुकदमे में कोई कार्रवाई नहीं की है। न ही घायलों का मेडिकल के आधार पर केस में धाराओं की बढ़ोत्तरी की और न ही गवाही व बयान लिए गए। घटना स्थल का अब तक नक्शा नजरी भी नहीं बनाया गया। इस मामले में आख्या तलब की जाए।