मौसम ने बिगाड़ी लोगों की सेहत, 40 फीसदी बढ़ी मरीजों की संख्या

मौसम ने बिगाड़ी लोगों की सेहत, 40 फीसदी बढ़ी मरीजों की संख्या

लखनऊ, अमृत विचार: तापमान में उतार-चढ़ाव के साथ ही बड़ी संख्या में लोग सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार, बदन दर्द आदि शिकायतें लेकर डॉक्टरों के पास इलाज को पहुंच रहे हैं। सरकारी व निजी अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या में 40 फीसदी तक की तादाद बढ़ी है। चिकित्सकों ने इस मौसम में एहतियात बरतने की हिदायत दी है। 18 अक्टूबर को सिविल में बुखार के 160 मरीज भर्ती किए गए। वहीं, लोकबंधु में 105 और बलरामपुर अस्पताल में बुखार के 135 मरीज भर्ती हुए।

बलरामपुर अस्पताल के फिजिशियन डॉ. विष्णु कुमार ने बताया कि इस मौसम में बुखार के अधिक मरीज बढ़े हुए हैं। हालांकि, गले में इंफेक्शन के कारण खांसी के मरीजों की संख्या उतनी नहीं है। लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है।

सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. कुलदीप वर्मा ने बताया कि इस समय मच्छरजनित बीमारियों का अधिक प्रकोप है। साथ ही मौसम का मिजाज भी पल-पल बदल रहा है। दिन में चटक धूप और रात में ठंड की वजह से लोग सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार आदि की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। बच्चों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। एसी का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। रात को सोते समय पंखे की भी स्पीड कम रखें। चादर ओढ़कर ही सोएं। कोल्डड्रिक, ठंडा पानी और आइसक्रीम के सेवन से बचें। फुल आस्तीन के कपड़े पहने। डेंगू, मलेरिया का भी प्रकोप अभी कम नहीं हुआ है। जरा सी भी लापरवाही आपको बीमार कर सकती है। लोकबंधु अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजीव दीक्षित ने बताया कि ओपीडी में और इमरजेंसी में इन दिनों बुखार के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। वार्डों में मरीजों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि कई बार जगह कम पड़ रही है। इस मौसम में लोग खानपान में सावधानी बरतें। बासी भोजन कतई न खाएं। किसी भी बीमारी के लक्षण दिखने पर चिकित्सक की सलाह जरूरी है। अपने मन से दवाएं न खाएं।

बच्चों का रखे विशेष ख्याल
अवंतीबाई महिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सलमान ने बताया कि इस समय वायरल का प्रकोप अधिक है। बड़ी संख्या में बच्चे ओपीडी में आ रहें है। परिजनों को विशेष ध्यान देने की सलाह दी जा रही है। बच्चों को बुखार आने पर पैरासिटामोल के अलावा कोई भी एंटीबायोटिक बिना चिकित्सकों की सलाह न दें। यदि 4 से 5 दिन में भी बुखार नहीं उतरता है तो डेंगू और सीबीसी की जांच जरूर करा लें। बच्चों को फुल आस्तीन के कपड़े पहनाएं। बच्चों को कोल्डड्रिंक, आइसक्रीम और ठंडा पानी पीने न दें।

अस्थमा का खतरा भी बढ़ा
मौसम में बदलाव होने से अस्थमा के भी मरीज बढ़ गए है। तीनों प्रमुख सरकारी अस्पतालों लोकबंधु, सिविल और बलरामपुर अस्पताल में अस्थमा के कुल 215 मरीज भर्ती हैं। इसके अलावा, ओपीडी में प्रतिदिन लगभग 500 से 600 अस्थमा के मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं।
बलरामपुर अस्पताल के चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. एके गुप्ता के अनुसार मौसम में अचानक परिवर्तन होने से हवा में नमी के कारण अस्थमा के मरीज बढ़ जाते हैं।

बलरामपुर अस्पताल में इस समय कुल 85 अस्थमा मरीज भर्ती हैं। इनमें से 30 मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। सिविल अस्पताल में अस्थमा से पीड़ित 70 मरीजों का इलाज चल रहा है। इनमें से 25 मरीज गंभीर स्थिति में हैं और उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया है। लोकबंधु अस्पताल में भी कुल 60 मरीज भर्ती हैं, जिनमें से 20 को वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत पड़ रही है।

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