बरेली: ऑपरेशन त्रिनेत्र...1188 ग्राम पंचायतों में एक साल बाद भी नहीं लग सके सीसीटीवी कैमरे
पहले बजट की वजह से हुई देरी, अब फर्मों का नहीं हो सका है चयन
अनुपम सिंह, बरेली। जिले की 1188 ग्राम पंचायतों में ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना एक साल से अधर में लटकी है। पहले बजट की वजह से देरी हुई और अब फर्मों का ही चयन नहीं हो सका है।
जिले की 1188 ग्राम पंचायतों में करीब 55 लाख आबादी है। ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत एक साल पहले सभी ग्राम पंचायतों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना शुरू हुई थी। सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाकर उन्हें एकीकृत कमांड एवं कंट्रोल रूम सिस्टम से जोड़ने की योजना है। योजना की शुरुआत में अधिकारियों ने सक्रियता दिखाई लेकिन इसके बाद सब ठंडे बस्ते में चला गया। पहले तय हुआ था कि 15वें वित्त आयोग के बजट से ग्राम पंचायतें कैमरे लगाएंगी लेकिन यह कवायद आगे नहीं बढ़ सकी। सभी ग्राम पंचायतों में कैमरे लगाने के लिए करीब 10 फर्माें का चयन किया जाना है लेकिन अभी तक फर्मों का चयन नहीं हो सका। फर्म चयनित करने के लिए बनी समिति के जिलाधिकारी अध्यक्ष हैं। इसके अलावा सीडीओ, मुख्य कोषाधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, पुलिस के राजपत्रित अधिकारी समिति में शामिल हैं। पंचायती राज विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फर्माें के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और जल्द सभी फर्मों का चयन कर सीसीटीवी कैमरे लगाने शुरू कर दिए जाएंगे।
प्रमुख स्थानों पर लगेंगे कैमरे
आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए ग्राम पंचायतों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। ये कैमरे उच्च क्वालिटी के रहेंगे। पायलट प्रोजेक्ट के तहत गोरखपुर में कैमरे लगाने के बाद सकारात्मक परिणाम सामने आने पर जिला पंचायत राज विभाग ने इसे सभी जगह लागू करने का निर्णय लिया है। सीसीटीवी कैमरों को ग्राम पंचायतों के प्रवेश, मुख्य मार्ग, भीड़भाड़ वाले इलाकों, पंचायत भवन, बैंक, प्रमुख चाैराहे, विद्यालयों जैसी जगहों पर लगाए जाएंगे।
जानिए क्या बोले अधिकारी
डीपीआरओ कमल किशोर ने बताया कि 1188 ग्राम पंचायतों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए 10 फर्मों का चयन होना है। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। डेढ़ से दो महीने में प्रक्रिया पूरी कराकर कैमरे लगने शुरू हो जाएंगे।