सुप्रीम कोर्ट ने धनशोधन के मामले में अब्बास अंसारी को दी जमानत
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने धनशोधन से जुड़े एक मामले में विधायक अब्बास अंसारी को शुक्रवार को जमानत दे दी। अब्बास अंसारी, गैंगस्टर और राजनेता एवं पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के पुत्र हैं। मुख्तार अंसारी की कुछ महीने पहले जेल में मौत हो गई थी। न्यायमूर्ति एम. एम, सुंदरेश और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने अंसारी को धनशोधन के मामले में राहत दी।
उच्चतम न्यायालय ने 14 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी कर अंसारी की उस याचिका पर जवाब मांगा था जिसमें इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को चुनौती दी गई थी। उच्च न्यायालय ने अंसारी की जमानत याचिका नौ मई को खारिज कर दी थी।
उच्च न्यायालय ने कहा था कि ‘फ्लो चार्ट’ सहित रिकॉर्ड पर उपलब्ध सामग्री से स्पष्ट रूप से धन के स्रोत का पता चलता है और इससे भी यह भी ज्ञात होता है कि आरोपी अंसारी के खातों में धन कैसे पहुंचा, इसलिए अदालत को लगता है कि वह इस स्तर पर जमानत के हकदार नहीं हैं।
अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि दो कंपनियों मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन और मेसर्स आग़ाज़ के साथ अंसारी के धन के लेनदेन के संकेत हैं। ईडी ने आरोप लगाया कि अंसारी ने धन शोधन के लिए इन कंपनियों का इस्तेमाल किया। ईडी ने पिछले तीन मामलों के आधार पर धन शोधन रोकथाम कानून, 2002 के तहत सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक अंसारी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। अंसारी पर चार नंवबर 2002 को इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था। उत्तर प्रदेश की मऊ सीट से विधायक अंसारी अभी कासगंज जेल में हैं।
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