हल्द्वानी: खनन से इस छमाही रिकॉर्ड आमदनी, 456.63 करोड़ की हुई आय
हल्द्वानी, अमृत विचार। राज्य सरकार अवैध खनन व उपखनिज चोरी में अंकुश लगाने में काफी हद तक कामयाब रही है। खनन से इस वित्तीय वर्ष की छमाही में सरकार को 456.63 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो पिछले वर्ष की अपेक्षा 78 प्रतिशत अधिक है। आय के पिछले रिकॉर्ड टूट गए हैं।
भूतत्व एवं खनिकर्म के निदेशक राजपाल लेघा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में अप्रैल से सितंबर माह तक खनन से 202.89 करोड़, वर्ष 2023-24 में 255.98 करोड़ और इस वित्तीय वर्ष 2024-25 में 456.63 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है। जो पिछले वर्ष की अपेक्षा 200.65 करोड़ अधिक है। लगभग 78 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से उपखनिज परिहार नियमावली में सरलीकरण, ई-निविदा सह ई-नीलामी के जरिए नए खनिज लॉटों का चिन्हिकरण कर ई-निविदा से आवंटित की गईं।
इसके अलावा निदेशालय स्तर से गठित प्रवर्तन दलों ने अवैध खनन एवं उपखनिज भंडारण व अभिवहन की प्रभावी निगरानी की गई। ई-रवन्ना पोर्टल की निगरानी के साथ ही समय-समय पर अपग्रेड किया गया। निदेशक लेघा ने बताया कि चार जिलों में देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल में निजी कंपनी की ओर से चेकिंग की जा रही है। खनन को पारदर्शी बनाने के लिए राजस्व वृद्धि के लिए माइनिंग डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन एंड सर्विलांस सिस्टम (एमडीटीएसएस) के लिए 45 चेकिंग गेट बनाने पर भी सहमति दी गई है।
इसके अलावा रवन्ना प्रपत्रों को डिजिटल बनाने की प्रक्रिया भी गतिमान है। उन्होंने दावा किया कि वर्तमान में स्टोन क्रशर्स एवं स्क्रीनिंग प्लांटस से कच्चे माल की आपूर्ति होने की वजह से इस वर्ष ग्रिट, डस्ट, रेता, बजरी 70 रुपये प्रति क्विटंल की दर से बेचा जा रहा है, जबकि पिछले वर्ष ये 140 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेचा जा रहा था। इससे आमजन को भी फायदा मिल रहा है। इस वर्ष राज्य सरकार की ओर से खनन प्राप्ति का जो भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उसको शत-प्रतिशत पूरा किया जाएगा।
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