रामपुर: सूबे में सत्ता परिवर्तन के बाद जौहर यूनिवर्सिटी पर कस गया शिकंजा

राजस्व टीम ने शत्रु संपत्ति पर की थी तारकशी, जौहर ट्रस्ट बनाकर कागजों में खुर्द-बुर्द कर ले ली गई शत्रु संपत्ति  

रामपुर: सूबे में सत्ता परिवर्तन के बाद जौहर यूनिवर्सिटी पर कस गया शिकंजा

रामपुर, अमृत विचार। सूबे में सत्ता परिवर्तन के बाद जौहर यूनिवर्सिटी पर शासन और प्रशासन का शिकंजा कस गया। लखनऊ और दिल्ली की टीमों के अलावा ईडी भी यूनिवर्सिटी पहुंच चुकी है। जुलाई 2024 में कड़ी सुरक्षा के बीच आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी में लखनऊ से आई राजस्व विभाग की टीम पहुंची थी। टीम ने पूरे इलाके में शत्रु संपत्ति को चिन्हित किया। इसके बाद उसे कब्जे में ले लिया गया। शत्रु संपत्ति पर कब्जे करने के आरोप में आजम खां के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया।

बता दें कि सपा सरकार जाने के बाद जब से भाजपा सरकार आई है। तभी से आजम खां और उनके परिवार  की घेराबंदी हो रही है। सपा नेता आजम खां ने वर्ष 2006 में आलियागंज में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी की स्थापना का काम शुरू किया था। करीब 13 हेक्टेयर शत्रु संपत्ति को भी यूनिवर्सिटी कैंपस में शामिल करने का आरोप लगा था। वर्ष 2017 के बाद इस संपत्ति पर योगी सरकार ने संज्ञान लिया। 

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इसके बाद आजम खान पर हेराफेरी कर अवैध तरीके से जमीन को हथियाने के मामले में अजीमनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। जिसके बाद से लगातार घेराबंदी हो रही है। पिछले दिनों लखनऊ से आई टीम ने आजम खां के जौहर विश्व विद्यालय में शत्रु संपत्ति को चिन्हित करने के बाद उसकी तारकशी करा दी थी। जिसके बाद उनके अधिवक्ता हाईकोर्ट चले गए थे। जहां पर उनके प्रार्थनापत्र को खारिज कर दिया था। उसके बाद वह अधिवक्ता के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट गए थे। जिसमें  सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने जौहर यूनिवर्सिटी में शत्रु संपत्ति की लीज को रद करने पर मुहर लगा दी  है। इसके बाद आजम खां को एक और बड़ा झटका लगा है।

वर्ष 1995 में हुई थी जौहर ट्रस्ट की स्थापना 
पूर्व मंत्री आजम खां ने वर्ष 1995 में जौहर ट्रस्ट की स्थापना की थी। ट्रस्ट के माध्यम से ही जौहर यूनिवर्सिटी का निर्माण कराया गया था। करीब तीन हजार करोड़ रुपये की लागत की जौहर यूनिवर्सिटी के साथ ही इस ट्रस्ट के माध्यम से सरकारी भवनों को 100 रुपये वार्षिक लीज पर रामपुर पब्लिक स्कूल संचालित कराए गए। आजम खां ने जौहर शोध संस्थान की इमारत और जमीन की लीज पर जौहर ट्रस्ट के नाम पर एक सौ रुपये प्रतिवर्ष के दर पर करा ली थी। जिसे वर्ष 2023 में हुई कैबिनेट की बैठक में निरस्त कर दिया गया। 

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इस बिल्डिंग में जौहर ट्रस्ट की ओर से रामपुर पब्लिक स्कूल का संचालन किया जाता था, जिसे शासन के निर्देश पर खाली करा लिया गया। जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जो जमीन अधिग्रहित की गई थी उसमें से लगभग 12.5 एकड़ जमीन को छोड़कर शेष जमीन सरकारी घोषित की जा चुकी है। लगातार कसते शिकंजे के बीच सपा नेता और जौहर ट्रस्ट से जुड़े सदस्यों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं।
 
भू-माफिया घोषित किए जा चुके हैं आजम
जौहर विश्वविद्यालय के लिए कूट रचित दस्तावेज तैयार कर शत्रु संपत्ति से लेकर नदी की जमीन तक पर कब्जा करने के आरोप में तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा शासन के एंटी भू-माफिया पोर्टल पर आजम खां का नाम दर्ज कर उन्हें भू-माफिया घोषित किया जा चुका है।

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जौहर ट्रस्ट के दो सदस्यों की हो चुकी है मौत 
मोहम्मद आजम खां संस्थापक अध्यक्ष,मुश्ताक अहमद सिद्दीकी लखनऊ उपाध्यक्ष, डा.तजीन फात्मा सचिव, नसीर अहमद खां संयुक्त सचिव, निकहत अखलाक कोषाध्यक्ष, मोहम्मद अदीब आजम, मुन्नवर सलीम, मोहम्मद अब्दुल्ला आजम और सलीम कासिम सदस्य। इनमें सलीम कासिम और मुनव्वर सलीम की मौत हो चुकी है। 

ईडी के निशाने पर रहा परिवार
आजम खां पर जौहर विश्वविद्यालय के लिए बहुत से किसानों की जबरन जमीन कब्जाने का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया गया था। शत्रु संपत्ति भी जौहर विश्वविद्यालय परिसर में है उसके बाद आजम खां ईडी के निशाने पर आ गए थे। कई बार ईडी की टीम रामपुर भी आ चुकी है। शत्रु संपत्ति कब्जाने के मामले में कुछ जमीन को सील कर दिया गया था। इसके अलावा ईडी लगातार आजम के करीबियों से पूछताछ कर चुकी है।  

यूनिवर्सिटी से बरामद हो चुका है चोरी का सामान  
जौहर यूनिवर्सिटी से मदरसा आलिया (राजकीय ओरियंटल कालेज) की पांडुलिपियां पुलिस बरामद कर चुकी है। अब्दुल्ला आजम खां के करीबी दो दोस्तों को पुलिस ने  पकड़ लिया था। उसके बाद उनकी निशान देही पर एक सफाई मशीन के पुलिस ने दीवारे गिरवाकर वहां से काफी मात्रा में  मदरसा आलिया की किताबें बरामद की थीं।  

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