बरेली:विकसित भारत बनने में युवाओं की भूमिका अहम-राज्यपाल

दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति बोलीं, अंडर-100 में हो रुहेलखंड विश्वविद्यालय की रैंक

बरेली:विकसित भारत बनने में युवाओं की भूमिका अहम-राज्यपाल

बरेली,अमृत विचार। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में युवाओं की अहम भूमिका है। ये युवा ही आगे चलकर बेहतर राष्ट्र का निर्माण करेंगे। उन्होंने विश्वविद्यालय को नैक मूल्यांकन में ए प्लस प्लस ग्रेड मिलने पर कुलपति और शिक्षकों को बधाई दी और कहा कि एनआईआरएफ में टॉप-100 में आने के प्रयास किए जाएंगे।

अटल सभागार में प्रवेश से पहले राज्यपाल, मुख्य अतिथि बीआर अंबेडकर एनआईटी जालंधर के निदेशक प्रो. बिनोद कुमार कन्नौजिया, विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी और कुलपति प्रो. केपी सिंह ने विभिन्न परियोजनाओं की शुरुआत की। सुबह 11:35 बजे शोभायात्रा के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। सांस्कृतिक क्लब की छात्राओं ने वंदे मातरम्, विश्वविद्यालय के कुलगीत और पर्यावरण गीत गाया।

राज्यपाल से समारोह की औपचारिक शुरुआत की अनुमति लेने के बाद कुलपति प्रो. केपी सिंह ने प्रगति आख्या प्रस्तुत की, जिसमें उन्होंने शैक्षिक सत्र 2023-24 में सभी प्लेटफार्म पर मिली रैंकिंग की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में अब तक आठ से अधिक इंटरनेशनल एमओयू साइन किए हैं। इन देशों में अमेरिका, यूक्रेन, नेपाल, इजराइल, ताइवान शामिल हैं। वर्तमान में तमाम प्रशासनिक और सैन्य अधिकारी पार्ट टाइम पीएचडी कोर्स में अध्ययनरत हैं। उन्होंने बताया कि राज्यपाल की प्रेरणा से विवि की ओर से संचालित दिव्यांग विशेष स्कूल में आर्ट स्ट्रीम के बाद साइंस स्ट्रीम लाया गया है और जल्द ही इसमें स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई शुरू की जाएगी। उन्होंने टॉपर्स और पीएचडी शोधार्थियों को दीक्षा उपदेश देते हुए अपने ज्ञान को सदैव जनकल्याण में लगाने की शपथ दिलाई। इस दौरान कुलसचिव संजीव कुमार सिंह, उपकुलसचिव सुनीता यादव, डीएसडब्ल्यू प्रो. पीबी सिंह समेत अन्य कार्य परिषद, विद्या परिषद के सदस्य मौजूद रहे।


हमारे जमाने में नहीं होता था दीक्षांत समारोह
कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने स्नातक के दौरान अपनी स्मृतियों को साझा किया। उन्होंने बताया कि उन्होंने वर्ष 1964 में बीएससी, 1968 में एमएससी और 1974 में एमएड किया। उन दिनों दीक्षांत जैसे समारोह का आयोजन नहीं किया जाता था। डिग्री मिलने के बाद वे अपने माता-पिता के साथ स्टूडियो में फोटो खिंचाने के लिए गईं। वो यादगार पल आज भी उनकी स्मृतियों में शामिल है। उन्होंने 38 मिनट लगातार विद्यार्थियों को संबोधित किया।

सर्वांगीण विकास में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का विशेष योगदान
विश्वविद्यालय प्रशासन ने 100 और संभल प्रशासन ने 100 आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लिया है। इसके तहत ही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 10 आंगनबाड़ी केंद्रों को किट वितरित की गई। राज्यपाल ने कहा कि वैज्ञानिक प्रमाणिकता के अनुसार शुरुआती आठ साल तक बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है। इस अंतराल में परिवार के साथ ही आंगनबाड़ी अहम भूमिका निभाती हैं। इसी विकास को बेहतर करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को किट वितरित की जा रही है।

व्यक्तिगत विकास में बाधक है एआई: राज्यपाल
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक निश्चित तौर पर बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन हमें इसका प्रयोग उस सीमा तक ही करना चाहिए, जहां तक यह आवश्यक है। मशीन या तकनीक का बहुत ज्यादा प्रयोग करने से हमारा अपना व्यक्तित्व पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता। किसी भी तकनीक का प्रयोग करने की एक निश्चित सीमा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कई ऐसी योजनाएं चलाई जा रही हैं जो छात्र हित में हैं। हर एक विश्वविद्यालय का यह कर्तव्य है कि वह इन योजनाओं के बारे में छात्र-छात्राओं को जानकारी दें ताकि अपने करियर के क्षेत्र में वह इनका लाभ उठा सकें। शिक्षकों का यह दायित्व बनता है कि वह अपने छात्र-छात्राओं को केंद्र और राज्य सरकार की इन योजनाओं के बारे में जानकारी दें। राज्यपाल ने समारोह के अंत में कुलपति प्रो. केपी सिंह को निर्देशित किया कि प्रत्येक 15 दिन में विद्यार्थियों को प्रस्तुतीकरण के जरिए सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी साझा करें और रिपोर्ट राजभवन भेजें।

बुनियादी स्तर पर किताबें पढ़ने की आदत डलवाना अनिवार्य
राज्यपाल ने परिषदीय विद्यालयों में अधिक से अधिक पुस्तकें उपलब्ध होने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि प्राथमिक स्तर पर किताबों पढ़ने की आदत डलवाना अनिवार्य है। उन्होंने प्राथमिक से इंटरमीडिएट स्तर तक के 36 विद्यार्थियों को स्कूल बैग, पुस्तकें, प्रशस्ति पत्र प्रदान किए और पोषण पोटली भी दी। चित्रकला, भाषण और कहानी कथन की प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने वालों को राज्यपाल ने पुरस्कृत किया। इसके अलावा आठ विद्यालयों के प्रधानाचार्य को भी राजभवन की ओर से कुलाधिपति ने पुस्तकें दीं। उन्होंने रुहेलखंड विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट की पुस्तिका और हायर एजुकेशन पुस्तिका का विमोचन किया।

पीएचडी, पर्यवेक्षकों से संबंधित सभी विवरण ऑनलाइन उपलब्ध
विश्वविद्यालय की ओर से ऑनलाइन अनुसंधान प्रबंधन प्रणाली आरएमएस स्थापित की गई है, जहां पीएचडी पर्यवेक्षकों, पीएचडी से संबंधित सभी विवरण उपलब्ध हैं। सत्र 2023-24 के लिए 44 विषयों में 187 पीएचडी पूरी कराई गईं। शोध में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के प्रवेश को कार्यान्वित किया गया। रुहेलखंड विश्वविद्यालय, कॉलेजों और अन्य विश्वविद्यालयों के नियमित संकायों से 165 पर्यवेक्षकों को मंजूरी दी गई है। विश्वविद्यालय ने 1638 पीएचडी थीसिस शोध गंगा वेबसाइट पर अपलोड की हैं। 25 नए विषयों में शोध कार्य शुरू हुआ है।


डिजिलॉकर में अपलोड की गईं सभी डिग्रियां
राज्यपाल ने डिजिलॉकर पर इस वर्ष की डिग्रियों को अपलोड करने की शुरुआत की। डिजिलाॅकर पर इस वर्ष 74415 डिग्रियों को अपलोड किया गया है और अब तक 70 लाख से अधिक दस्तावेजों को अपलोड किया जा चुका है। इसके अलावा माइग्रेशन और प्रोविजनल डिग्री ऑनलाइन उपलब्ध होने वाले पोर्टल को भी लांच किया गया। कुलपति प्रो. केपी सिंह ने बताया कि इस पोर्टल के माध्यम से विद्यार्थियों को चक्कर काटने नहीं होंगे।