कासगंज: झोलाछाप पर पुलिस मेहरबान, आदेश के बावजूद नहीं दर्ज हुई रिपोर्ट
एसीएमओ के आदेश पर 9 दिन बाद भी नहीं लिखा थानाध्यक्ष ने मुकदमा
कासगंज,अमृत विचार। जिले में झोलाछाप चिकित्सको की भरमार है। स्वास्थ्य विभाग और कानून के रक्षकों से बेखौफ होकर झोलाछाप लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। थानाध्यक्ष और झोलाछाप की मिली भगत के चलते स्वास्थ्य विभाग के आदेश के नौ दिन के बावजूद भी मुकदमा दर्ज नहीं हो सका है। झोलाछाप पुलिस की कार्रवाई से बचा पड़ा है। स्वास्थ्य विभाग के आदेश को थानाध्यक्ष ने ताक पर रख दिया है।
एसीएमओ एसके सिंह ने 29 सितंबर को अमांपुर थाना क्षेत्र के गांव लखीमपुर निवासी एक व्यक्ति की शिकायत पर उमेश क्लीनिक पर छापामार कार्रवाई की थी। कार्रवाई के दौरान चिकित्सक न तो कोई डिग्री दिखा सका और न ही क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन। उमेश के पास चिकित्सा से संबंधित कोई भी डिग्री डिप्लोमा न मिलने से एसीएमओ एसके सिंह की टीम ने क्लीनिक को सीज कर नोटिस जारी किया, लेकिन उमेश ने नोटिस का जबाब नहीं दिया। छह अक्टूबर को स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई करते हुए अमांपुर थानाध्यक्ष चंचल सिरोही को लिखित रुप से अंपजीकृत झोलाछाप चिकित्सक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए, लेकिन थानाध्यक्ष चंचल सिरोही ने आदेश को ताक पर रखकर उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की। जिससे झोलाछाप चिकित्सक के हौंसले बुलंद है। साथ ही उन्होंने एफआईआर दर्ज कराने के आदेश की प्रतिलिपि जिलाधिकारी मेधा रूपम और मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राजीव अग्रवाल को भेज कर मामले से अवगत कराया था।
जानिए क्या बोले सीएमओ
सीएमओ डॉ. राजीव अग्रवाल ने बताया कि सीएमओ कार्यालय द्वारा लिखित रूप से अमांपुर थानाध्यक्ष को अवैध क्लीनिक संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए थे, लेकिन उन्होंने अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की है। थानाध्यक्ष की बड़ी लापरवाही है।