Kanpur: कंसल्टेंट बनाएगा कुंभी औद्योगिक हब की डीपीआर, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को मिलेगा विस्तार

Kanpur: कंसल्टेंट बनाएगा कुंभी औद्योगिक हब की डीपीआर, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को मिलेगा विस्तार

कानपुर, अमृत विचार। कानपुर देहात के कुंभी में प्रस्तावित औद्योगिक हब के लिए जल्द ही कंसल्टेंट की नियुक्ति की जाएगी। कंसल्टेंट ही इस योजना का डीपीआर बनाएगा। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम को बढ़ावा देने के लिए साढ़े सात करोड़ रुपये से औद्योगिक हब बनाने की महत्वाकांक्षी योजना पर काम किया जा रहा है। 

प्रदेश सरकार व्यापार-कारोबार को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन के लिए कुंभी में 50 एकड़ भूमि के आवंटन को मंजूरी प्रदान कर चुकी है। जल्दी ही यह भूमि उद्योग विभाग को स्थानांतरित हो जाएगी। अकबरपुर तहसील में सेंगुर नदी के किनारे कुंभी गांव में पहले ही औद्योगिक इकाइयां दस्तक दे चुकी हैं। यहां औद्योगिक इकाईयों का कचरा निस्तारण करने वाली रैम्की और भारत आयल के साथ ही मिल्क प्रोडक्ट बनाने वाली जीजेएफ जैसी यूनिटें काम कर रही हैं। 

कुछ समय पहले इस इलाके को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित करने की मांग उठाई गई थी। इस पर एडीएम न्यायिक के साथ जीएम डीआईसी मो. सऊद व क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने मौके पर स्थिति देखने के बाद जमीन का आकलन कर विकास प्रस्ताव शासन को भेजा था, इसमें करीब 50 हेक्टेयर क्षेत्र को इंडस्ट्रियल हब बनाने की बात कही गई है। शासन से इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई है। यूपीएसआईसी के प्रभारी इंजीनियर सर्किल-1 प्रभात कुमार बाजपेई ने कहा कि औद्योगिक हब के लिए कंसल्टेंट नामित किया जा रहा है, ताकि योजना की डीपीआर जल्दी ही बनाई जा सके। 

5 हजार युवाओं को मिलेगा रोजगार

इंडस्ट्रियल हब तैयार होने से जिले के 5 हजार से अधिक युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने का दावा किया जा रहा है। अधिकारी मान रहे हैं कि नया हब बनने पर यहां तेजी से औद्योगिक इकाइयों का विस्तार होगा। इससे क्षेत्र के युवाओं को सीधे नौकरी के साथ अप्रत्यक्ष रूप से भी रोजगार के अवसर पैदा हो सकेंगे।

कानपुर-दिल्ली हाई-वे से जुड़ा है क्षेत्र, मिलेंगी सारी सुविधाएं

अधिकारियों का कहना है कि यह क्षेत्र कानपुर-दिल्ली हाई-वे से जुड़ा होने के कारण उद्यमियों के लिए सुविधाजनक है। इससे इकाइयों में बने उत्पाद तेजी से इधर-उधर भेजे जा सकेंगे।  आवागमन की बेहतर सुविधा से औद्योगिक इकाईयों को भी किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। 

इसके साथ ही औद्योगिक कचरे के निस्तारण के लिए यहां पहले से ही दो बड़ी कंपनियां काम कर रहीं है। इससे पर्यावरण भी दुरुस्त रहेगा। नए औद्योगिक क्षेत्र में 150 से अधिक यूनिट लगाए जाने का प्रस्ताव है। इनको कॉमन ट्रीटमेंट प्लांट, इफ्युलिएंट ट्रीटमेंट प्लांट, सड़क, सीवर, निर्बाध बिजली सहित सभी सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने की योजना है। 

जैनपुर व रनिया के करीब होने का भी मिलेगा लाभ 

अधिकारियों का मानना है कि जिले में इस तीसरी औद्योगिक योजना को अन्य दो औद्योगिक क्षेत्रों जैनपुर व रनिया से नजदीकी का भी लाभ मिलेगा। जैनपुर व रनिया में लगभग 400 यूनिट पहले से ही स्थापित हैं। 

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