अयोध्या: माध्यमिक व प्राथमिक विद्यालयों में गठित होगी बाल सुरक्षा और संरक्षा समिति, छात्र और छात्रा होंगे शामिल

महिला और पुरुष शिक्षक भी होगें सदस्य, आसपास की आपराधिक घटनाओं से बच्चों को जागरूक करेगी समिति

अयोध्या: माध्यमिक व प्राथमिक विद्यालयों में गठित होगी बाल सुरक्षा और संरक्षा समिति, छात्र और छात्रा होंगे शामिल

अयोध्या, अमृत विचार। माध्यमिक और प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में विद्यार्थियों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए बाल सुरक्षा एवं संरक्षा समिति का गठन होगा। इस कमेटी में प्रत्येक कक्षा के एक छात्र व एक छात्रा को शामिल किया जाएगा। एक महिला शिक्षक व एक पुरुष शिक्षक को भी इसमें शामिल किया जाएगा। हर महीने इसकी बैठक होगी और छात्रों को आसपास हो रही आपराधिक घटनाओं के बारे में जानकारी देकर उन्हें सतर्क किया जाएगा।

इसे लेकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से सभी विद्यालयों में अनिवार्य रूप से इसके गठन के निर्देश दिए गए हैं। विद्यार्थी आपराधिक घटनाओं का शिकार न बनें इसके लिए उन्हें क्या क्या सतर्कता बरतनी चाहिए, इस पर हर महीने विद्यालय में बाल सुरक्षा एवं संरक्षा समिति की बैठक में चर्चा की जाएगी। कमेटी के सदस्य अपनी-अपनी कक्षाओं में जाकर विद्यार्थियों को बताएंगे कि विद्यालय के आसपास किस तरह की घटनाएं हो रही हैं और उन्हें कैसे शरारती तत्वों से बचना है। अभिभावकों को भी इस बैठक में आमंत्रित किया जाएगा। शरारती विद्यार्थियों पर भी नकेल कसी जाएगी। 

अगर कोई विद्यार्थी विद्यालय में ब्लेड, नुकीली व धारदार वस्तुएं लेकर आता है तो उसकी शिकायत इस कमेटी से की जाएगी। शिकायत करने वाले विद्यार्थी का नाम गोपनीय रखा जाएगा। वहीं प्रार्थना सभा में छात्रों को ऐसी वस्तुएं विद्यालय में न लाने की चेतावनी दी जाएगी। बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार राय ने बताया कि आगामी 15 अक्टूबर से आदेश पर क्रियान्वयन शुरू कर दिया जायेगा। इसके लिए सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजा जा रहा है। 

स्कूलों के प्रवेश द्वार पर अंकित होगा टोल फ्री नंबर 

छात्रों, अभिभावकों और जनसमुदाय को शिकायतों के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर शुरू किए गए टोल फ्री नंबर 1800- 889-3277 के विषय में जानकारी दी जाएगी। विद्यालयों के प्रवेश द्वार और नोटिस बोर्ड पर इसे चस्पा किया जाएगा। टोल फ्री नंबर के माध्यम से प्राप्त हुई शिकायतों का त्वरित निस्तारण किया जाएगा। विद्यार्थी को शारीरिक दंड देने पर पूरी तरह प्रतिबंध है, इसकी जानकारी भी सभी अभिभावकों को दी जाएगी।

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