कानपुर: सीसामऊ के 32 लोगों का मुकदमा खत्म: भाजपा जिलाध्यक्ष बोले- इरफान सोलंकी ने झूठे मुकदमे में जेल भिजवाया था
कानपुर, अमृत विचार। फजलगंज थानाक्षेत्र के दर्शनपुरवा इलाके में 24 अक्टूबर 2015 को मोहर्रम जुलूस के दौरान देवी देवताओं के पोस्टर फाड़ने के मामले में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी। जिसके बाद अराजकतत्वों ने पथराव और आगजनी की घटना को अंजाम दिया था। उपद्रवियों को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज, हवाई फायरिंग और आंसू गैसे के गोले छोड़ने पड़े थे। बवाल में कई लोग और पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इस गंभीर प्रकरण में पुलिस ने 32 लोगों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।
आरोप था कि सपा के पूर्व विधयाक इरफान सोलंकी ने पोस्टर फाड़ने का विरोध करने पर उन लोगों को जेल भिजवा दिया था। सीसामऊ विधानसभा सीट का उप चुनाव होने की घोषणा के बाद प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना ने इस मामले को लेकर सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर 32 लोगों पर लगे मुकदमे को खत्म करने की मांग की थी। जिसके बाद मंगलवार को शासन से इस पर मुकदमा वापस लेने के बारे में आदेश जारी कर दिया गया।
सीसामऊ विधानसभा में उपचुनाव में नसीम सोलंकी के एलान होने के बाद भाजपा ने मुकदमा पीड़ितों की रिहाई का एक बड़ा मुद्दा उठाया था। भाजपा जिलाध्यक्ष दीपू पांडेय व भाजपा नेता अनुराग शर्मा ने बताया कि समाजवादी पार्टी सरकार में वर्ष 2015 में मोहर्रम जुलूस में देवी-देवताओं के अपमान का विरोध करने पर तत्कालीन विधायक इरफान सोलंकी ने 32 लोगों को झूठे मुकदमे में जेल भिजवा दिया था। बताया कि इस मुद्दे को लेकर प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना ने मुख्यमंत्री के सामने रखा गया था। जिसके बाद मुकदमा खत्म करने के आदेश जारी कर दिया गया है।
उनका कहना था कि गुरुवार को मंत्री सुरेश खन्ना कानपुर पहुंचेंगे और पीड़ित परिवारों से मिलेंगे। उन पर बलवा, दंगा भडकाने, आगजनी, पथराव, 7 क्रिमिनल एक्ट समेत अन्य संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज था। इस मामले में उत्तरप्रदेश शासन से विशेष सचिव मुकेश कुमार सिंह ने जिला मजिस्ट्रेट न्याय अनुभाग 5 (फौजदारी) को पत्र जारी कर आदेश जारी किया कि फजलगंज में हुए दंगे में आरोपियों पर दर्ज अभियोग की वापसी की जाए। जिससे पीडि़तों में खुशी की लहर है।