वैट बकाया में बिना नोटिस के उद्यमियों के खाते न हों सीज: आईआईए ने अपर आयुक्त स्टेट जीएसटी को दिया ज्ञापन
बाराबंकी, अमृत विचार : वैट के बकाया में बिना नोटिस दिए उद्यमियों के बैंक खाते सीन किए जाने को लेकर इण्डियन इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) ने बुधवार को अपर आयुक्त, स्टेट जीएसटी को ज्ञापन देकर कई मांगे सामने रखीं। ताकि उद्यमियों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
आईआईए द्वारा दिए मांग पत्र में कहा गया है कि वैट के बकाया भुगतान के नाम पर उद्यमियों को बिना किसी नोटिस दिये अथवा उद्यमियों को स्पष्टीकरण का मौका दिये बिना विभाग द्वारा संबंधित बैंकों को इन उद्यमियों के बैंक खाते सीज करने के निर्देश जारी किये जा रहे हैं। कुछ उद्यमियों ने वैट का बकाया भुगतान विभाग को कर दिया गया है, लेकिन यह भुगतान विभाग के रिकार्ड में दर्ज नहीं होने के कारण भी यह कार्रवाई की जा रही है। उदाहरण तौर पर पवन बेकर्स एवं कन्फैक्सनर्स कानपुर के उद्यमी द्वारा बकाया वैट का भुगतान 13 दिसम्बर 2014 को कर दिया गया था, जैसा संलग्न दस्तावेजों से स्पष्ट है।
फिर भी इकाई के विरुद्ध कार्रवाई की गई। आईआईए के चेयरमैन चेयरमैन कैप्टन राजेश कुमार तिवारी ने बताया कि हमारी मांग है कि अगर उद्यमी का कोई वैट भुगतान लंबित है तो उसका बैंक अकाउंट सीज करने के पूर्व उद्यमी को सूचित करते हुए कम से कम एक सप्ताह का समय भुगतान करने अथवा स्पष्टीकरण देने का दिया जाए। यदि फिर भी वैट बकाया जमा नहीं किया जाता है तो उद्यमी के बैंक खाते से केवल वैट बकाया राशि ही वसूली जाए, यदि उद्यमी द्वारा अपने स्पष्टीकरण में यह प्रमाण दिया गया है कि उसने वैट बकाया का भुगतान कर दिया है अथवा वैट बकाया राशि की वसूली विभाग द्वारा कर ली गयी है, तो विभाग द्वारा उद्यमी के बैंक खाते को चालू करने हेतु बैंक को तत्काल निर्देश जारी किये जाएं।
नोटिस का जवाब देने के लिए विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन सुविधा प्रदान की जाए। ज्ञापन देने के दौरान आईआईए के पदाधिकारियों में जगेश अग्रवाल, अमन अग्रवाल, अंशुल अग्रवाल, विधु गुप्ता और अभिषेक पाठक मुख्य रूप से मौजूद रहे।