Shardiya Navrat 2024: उन्नाव में सैकड़ों वर्षों से भक्तों के मन में बसी भुईयां देवी व पचपकरिया माता की महिमा, ये है मां की महिमा

Shardiya Navrat 2024: उन्नाव में सैकड़ों वर्षों से भक्तों के मन में बसी भुईयां देवी व पचपकरिया माता की महिमा, ये है मां की महिमा

उन्नाव, (सतीश त्रिपाठी)। औरास विकासखंड में दो अति प्राचीन मां के मंदिर हैं जिसमें आदिशक्ति मां दुर्गा के भक्तों की नवरात्र में भारी भीड़ रहती है। जिसमें पचपकरिया देवी मां के मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ के साथ विशाल मेला भी लगता है। जिसमें दूरदराज से श्रद्धालु आकर माता के दर्शन कर मेले का आनंद उठाते हैं। वहीं कस्बे में स्थित माता भुईया देवी मंदिर में हर नवरात्र नई मूर्ति स्थापित कर सुबह-शाम आरती होती है। आखिरी रात मातारानी का जागरण होता है।

क्या है पचपकरिया देवी की महिमा 

विकासखंड औरास क्षेत्र के रहीमबाद-औरास मार्ग पर भुड़कुंडी गांव के पास सुप्रसिद्ध पचपकरिया देवी माता का मंदिर अति प्राचीन, भव्य व विशाल मंदिर है। इसमें पूरे नवरात्र श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। भक्त देवी मां के दर्शन के पश्चात मेले का आनंद उठाते हैं। बुजुर्ग बताते हैं कि यह मंदिर 250 वर्षों से भी अधिक पुराना है। जो आस्था का केंद्र बना हुआ है। इस मंदिर में कोसों दूर से सिर पर डाली रख आकर विधिविधान से पूजन अर्चन कर डाली चढ़ाई जाती है। लोग बताते हैं कि पहले यहां 5 एकड़ भूमि पर मेला लगता था। 

क्या है मंदिर की मान्यता 

बुजुर्ग बताते हैं कि जिस महिला के संतान न होती हो वह किसी कुंवारी कन्या को मंदिर ले जाकर उससे एक ईंट उठवाकर दूसरे स्थान पर रखवा दे और विनय पूर्वक मां से संतान की मांग करे तो उसकी मनोकामना पूरी होती है। 

चोर नहीं ले जा सके थे मां की मूर्ति 

माता पचपकरिया मंदिर में देवी मां की मूर्तियों में अपरा शक्ति है। एक बार इन मूर्तियों को चोर ले जा रहे थे। लेकिन मूर्तियों इतनी भारी हो गईं कि चोर उन्हें बाहर तक नहीं ले जा सके। इसके बाद चोरो ने हार मानकर मां से क्षमा मांगी और वहां से चले गये। 

भुईयां देवी मां का जल सफेद दाग से दिलाता है मुक्ति  

नगर पंचायत औरास क्षेत्र के मोहल्ला अटल नगर स्थित अति प्राचीन माता भुईयां देवी का मंदिर आस्था का केंद्र बना हुआ है। इस मंदिर में चैत्र और शारदीय नवरात्र को भक्तों द्वारा सुबह-शाम भजन और मां की भव्य आरती की जाती है। अष्टमी को जागरण में माता तारारानी की कथा होती है। नवमी को कन्या भोज कराकर विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है। बुजुर्ग व आचार्य बताते हैं कि भुईयां देवी की महिमा यह है कि जिस किसी को सफेद दाग हो वह रविवार को गंगाजल लाकर देवी मां को उसी जल से स्न्नान कराकर सच्चे मन से पूजन अर्चन करे तो उसे सफेद दाग से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही उसकी सभी मुराद पूरी होती है।

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