9 अक्टूबर का इतिहास: 15 साल की एक लड़की पर तालिबान के घातक हमले का साक्षी है आज का दिन
नई दिल्ली। नौ अक्टूबर का दिन इतिहास में 15 साल की एक लड़की पर तालिबान के घातक हमले का साक्षी है। पाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा की हिमायत करने वाली मलाला यूसुफजई की ‘बीबीसी’ के जरिये गुल मकई के नाम से दुनियाभर में गूंजती आवाज को दबाने के लिए तालिबान ने उनपर हमला किया और सिर में गोली मारकर उनकी जान लेने की कोशिश की।
स्कूल से घर लौट रही मलाला पर हुआ यह हमला घातक था, लेकिन मलाला का हौसला भी कम न था। ब्रिटेन में लंबे इलाज के बाद वह ठीक हुईं और एक बार फिर अपने अभियान में जुट गईं। सबसे कम उम्र में शांति का नोबेल पुरस्कार पाने वाली मलाला आतंकवादियों के बच्चों को भी शिक्षा देने की पक्षधर हैं, ताकि वह शिक्षा और शांति का महत्व समझें।
देश-दुनिया के इतिहास में नौ अक्टूबर की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है:-
1877 : ओडिशा के सामाजिक कार्यकर्ता, स्वतंत्रता सेनानी एवं साहित्यकार पंडित गोपाबंधु दास का जन्म।
1949 : भारतीय प्रादेशिक सेना का गठन। ब्रिटिश हुक्मरान ने ‘इंडियन टेरिटोरियल एक्ट’ के आधार पर इस सेना के गठन का रास्ता साफ किया था, लेकिन आजादी के बाद भारत के पहले गवर्नर जनरल सी. राजगोपालाचारी ने औपचारिक तौर पर इसकी स्थापना की।
1963 : सैफुद्दीन किचलू का निधन। प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी किचलू पहले भारतीय थे, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए लेनिन अवार्ड से सम्मानित किया गया।
1970 : बम्बई के भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र में यूरेनियम 233 का उत्पादन।
1976 : बॉम्बे (अब मुंबई) और लंदन के बीच संपर्क के साथ ही अंतरराष्ट्रीय डायरेक्ट डायलिंग टेलीफोन सेवा की शुरुआत।
1990 : देश में ही निर्मित पहला तेल टैंकर ‘मोतीलाल नेहरू’ भारतीय जहाजरानी निगम को सौंपा गया। इसका निर्माण कोच्चि शिपयार्ड लिमिटेड ने किया था।
1991 : सूमो पहलवानी के 1500 बरस के इतिहास में पहली बार जापान से बाहर इसका आयोजन किया गया। ब्रिटेन में लंदन के प्रसिद्ध रॉयल अल्बर्ट हॉल में जापान फेस्टिवल के अंतर्गत इस पहलवानी स्पर्धा का आयोजन किया गया।
1997 : इटली के लेखक डारियो फो को साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया।
2004 : अफगानिस्तान के इतिहास में पहली बार लोगों ने अपनी पसंद का राष्ट्रपति चुनने के लिए मतदान में हिस्सा लिया। चुनाव में हामिद करजई विजयी रहे। देश में 2001 में तालिबान के पतन के बाद करजई ने अंतरिम राष्ट्रपति का दायित्व निभाया था।
2012 : तालिबान के बंदूकधारियों ने पाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा की हिमायत करने वाली 15 बरस की मुखर वक्ता मलाला यूसुफजई को सिर में गोली मारी। मलाला इस घातक हमले में बच गईं।
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