Kanpur: टीवी-मोबाइल अधिक देखने से बच्चे हो रहे मोटे, सीएसजेएमयू के कुलपति ने कही ये बात...
कानपुर, अमृत विचार। 78 फीसदी बच्चे टीवी देखते समय खाना खाते हैं और 70 फीसदी बच्चे छुट्टियों के समय दो घंटे से अधिक टीवी या मोबाइल देखते हैं। यह बच्चों में मोटापा बढ़ने का मुख्य कारण हैं। इन्हीं कारणों से ग्रो इंडिया ने विद्यालयों के साथ मिलकर फैट टू फिट प्रोजेक्ट लांच किया है, जिसमे बच्चों में स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के साथ बच्चों में मोटापे से जुड़े रोगों पर शोध किया जा रहा है। यह जानकारी डॉ.अनुराग बाजपेयी ने दी।
सिविल लाइंस स्थित राजेंद्र स्वरूप सभागार में ग्रो इंडिया दिवस पर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में दो सौ बच्चों, सामाजिक संस्थाओं प्रतिनिधियों व 20 विद्यालयों के सौ अध्यापकों ने भाग लिया। ग्रो इंडिया के महासचिव व बाल हॉर्मोन रोग विशेषज्ञ डॉ.अनुराग बाजपेयी ने बताया कि प्रो इंडिया के रोड टू ग्रोथ कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रो सोसाइटी 10,000 स्कूली छात्रों में शारीरिक विकास व उनकी जीवन शैली के प्रभाव का अध्ययन कर रही है।
अब तक 15 विद्यालयों में कक्षा 5-8 तक के 7200 छात्रों के विकास का अध्ययन किया गया है। शोध में 31 फीसदी बच्चे मोटापे से ग्रस्त मिले। यह संख्या लड़कियों में व बड़ी कक्षा में अधिक बढ़ गई थी। आठवीं कक्षा की छात्रों में यह संख्या 42 फीसदी तक बढ़ गई। शोध में मोटापे के मुख्य कारणों में जंक फूड, टेलीविजन व मोबाइल देखते हुए खाना खाना और शारीरिक गतिविधियों का अभाव था।
सीएसजेएमयू के कुलपति प्रो. विनय पाठक ने बताया कि शारीरिक गतिविधियों का बच्चों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान होता है। बच्चों में जीवन शैली से संबंधित रोग बहुत तीव्रता से बढ़ रहे हैं, जिसकी रोकथाम जरूरी है। ग्रो सोसाइटी की अध्यक्ष एवं वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.रश्मि कपूर ने बताया कि बच्चों में मोटापा एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। समय रहते नियंत्रण नहीं करने पर डायबिटीज, फैटी लिवर व कोलेस्ट्रॉल संबंधित समस्या कम उम्र में ही हो सकती है।