सुप्रीम कोर्ट ने याचिका के समयबद्ध निपटारे का अनुरोध किया खारिज, कहा-‘न्यायाधीशों पर बहुत बोझ’ है
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें बंबई उच्च न्यायालय में लंबित एक निष्पादन याचिका के समयबद्ध निस्तारण का अनुरोध किया गया है। न्यायालय ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि न्यायाधीशों पर ‘बहुत अधिक (काम का) बोझ’ है। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि बंबई उच्च न्यायालय में 92 न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या के मुकाबले वर्तमान में केवल 64 न्यायाधीश हैं।
शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रत्येक न्यायाधीश के पास वाद सूची में 100 से अधिक मामले हैं और जब उच्च न्यायालय काम के बहुत बोझ से दबा हुआ है तो ऐसे निर्देश पारित करना संभव नहीं है। पीठ ने कहा, ‘‘इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अत्यधिक बोझ से दबे हैं, ऐसा निर्देश जारी नहीं किया जा सकता है, खासकर जब पुराने निष्पादन आवेदन लंबित हों।’’
शीर्ष अदालत निष्पादन याचिका के निपटारे में देरी के खिलाफ एक अपील पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में कहा गया कि निष्पादन याचिका कई बार स्थगित की जा चुकी है। अपील का निस्तारण करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता को शीघ्र सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय से अनुरोध करने की स्वतंत्रता होगी।
ये भी पढ़ें- SCO Summit : पाकिस्तान जाएंगे विदेश मंत्री एस जयशंकर, एससीओ की बैठक में लेंगे हिस्सा