अब स्मार्ट बुक बताएगी...छात्र पढ़ रहा या कर रहा दिखावा, Kannauj में प्रोफेसरों ने तैयार किया सॉफ्टवेयर, ऐसे करेगा काम...

भारत सरकार ने 20 साल के लिए किया पेटेंट

अब स्मार्ट बुक बताएगी...छात्र पढ़ रहा या कर रहा दिखावा, Kannauj में प्रोफेसरों ने तैयार किया सॉफ्टवेयर, ऐसे करेगा काम...

कन्नौज, तिर्वा, अमृत विचार। छात्र पढ़ रहा या सिर्फ किताब को देखकर पढ़ने का दिखावा कर रहा यह पता लगाना आसान होगा। इसके लिए इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसरों ने शोध कर कैमरा लगी स्मार्ट बुक तैयार की है। भारत सरकार ने इसको 20 साल के लिए पेटेंट कर दिया है। इससे कॉलेज प्रशासन में खुशी की लहर है।
      
राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के कंप्यूटर विज्ञान विभाग के डॉ. विवेक श्रीवास्तव, डॉ. अभिषेक बाजपेई और नवीन कुमार तिवारी ने शिक्षा गुणवत्तापूर्वक हो और पढ़ाई के दौरान अभिभावक बच्चों पर निगरानी रख सकें इस दिशा में शोध किया है। इसके लिए ‘स्मार्ट बुक फॉर ट्रैकिंग स्टूडेंट्स लर्निंग प्रोग्रेस’ नाम से एक स्मार्ट बुक को तैयार किया है। इसके अंदर एक कैमरा लगा है जो जब छात्र किताब से पढ़ेगा तो उसके माध्यम से अभिभावक जान सकेंगे की बच्चा पढ़ रहा या सिर्फ किताब को देख रहा है।
 
प्रो. बाजपेयी ने बताया कि स्मार्ट बुक का शोध पेटेंट के लिए भारत सरकार को भेजा गया था। सरकार ने इसे बीस साल का पेटेंट ग्रांट दिया है। बताया कि स्मार्ट बुक का मुख्य उद्देश्य छात्रों की शैक्षणिक प्रगति को स्वचालित रूप से ट्रैक करना और शिक्षकों एवं अभिभावकों को नियमित रूप से जानकारी प्रदान करना है। 

इस परियोजना में हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एचबीटीयू), कानपुर और कानपुर विश्वविद्यालय की टीम भी शामिल रही है, जिसमें प्रो. वंदना दीक्षित, प्रो.जीएल देवदानी और डॉ. विनीता सिंह जैसे शोधकर्ताओं ने योगदान दिया है। दक्षिण भारत के कुछ विशेषज्ञों ने भी इस परियोजना में तकनीकी और शैक्षणिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण सहयोग दिया है। कॉलेज के रजिस्ट्रार डॉ. बीडीके पात्रो और निदेशक प्रो. रचना अस्थाना ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर टीम को बधाई दी और इसे शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है ।

इस तरह से काम करता है सॉफ्टवेयर

स्मार्ट बुक छात्रों की गतिविधियों जैसे पाठ्यक्रम की समझ, गृहकार्य की स्थिति और परीक्षा परिणामों के आधार पर एक प्रगति चार्ट तैयार करती है, जिसे शिक्षक और अभिभावक आसानी से देख सकते हैं। यह तकनीक न केवल छात्रों की प्रगति पर नजर रखती है, बल्कि उनकी कमजोरियों और सुधार के क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने में भी मदद करती है। 

यह पेटेंट शिक्षा जगत में एक अहम योगदान के रूप में देखा जा रहा है, जो छात्रों के सीखने की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाएगा। प्रो. बाजपेयी ने बताया कि कई बार बच्चा माता-पिता व शिक्षक के दबाव में किताब खोलकर बैठ जाता है और सिर्फ पन्ने पलटता है। यह शोध इन गतिविधियों को पकड़ लेगा और आपको सूचित कर देगा। खास यह कि आप मीलों दूर बैठकर भी छात्र की प्रगति रिपोर्ट देख सकते हैं।

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