मुरादाबाद : हाईकोर्ट ने रामपुर के दो DM को निलंबित करने के दिए थे आदेश, प्रदेश सरकार की हुई थी किरकिरी
मुरादाबाद अमृत विचार। मुरादाबाद मंडल में अवैध खनन में अधिकारियों की संलिप्तता कोई नई बात नहीं है। अवैध खनन के एक मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने करीब सात साल पहले रामपुर के दो जिलाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिये थे और उस समय तैनात रहे अन्य अधिकारियों के खिलाफ जांच कराने के आदेश दिए थे, जिससे प्रदेश सरकार की बड़ी किरकिरी हुई थी। मुरादाबाद मंडल का मुरादाबाद और रामपुर जिला अवैध खनन के लिए बदनाम रहा है।
अधिकारियों से लेकर सत्ताधारी दल के नेताओं तक पर अवैध खनन में संलिप्तता के आरोप लगते रहे हैं। उत्तराखंड से आने वाली खनन सामग्री का अवैध कारोबार करने वालों से लेकर दोनों जनपदों में नदियों में रेता और खेतों से मिट्टी का खनन कराने में भी पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों और सत्ताधारी नेताओं का हाथ होने के आए दिन आरोप लगते रहते हैं। रामपुर जिले में कोसी नदी में होने वाले अवैध खनन के एक मामले की सुनवाई करते हुए करीब सात साल पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिले में तैनात रहे तत्कालीन दो जिलाधिकारियों राकेश कुमार सिंह और राजीव रौतेला को निलंबित करने के आदेश जारी किए थे। साथ ही दो साल के दौरान जिले में तैनात रहे अफसरों की भूमिका की जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के भी आदेश दिए थे।
हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद प्रशासनिक खेमे में हड़कंप मच गया था। अवैध खनन को लेकर स्वार क्षेत्र के दढ़ियाल मुस्तेहकम निवासी मकसूद हुसैन ने हाईकोर्ट द्वारा 2016 में जारी किए गए आदेशों का पालन जिला प्रशासन के अफसरों द्वारा नहीं करने पर याचिका दायर की थी।
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