Kanpur: केदारनाथ स्वरूप के पंडाल में विराजेंगी माता, महल के रूप में भी तैयार हो रहे नवदुर्गा के पंडाल
कानपुर, अमृत विचार। नवरात्र की षष्ठी तिथि में शहर के दुर्गा पूजा पंडालों में माता की प्रतिमा स्थापित होंगी। इसकी तैयारियां जोरों पर चल रही है। विभिन्न स्वरूपों केदारनाथ, महल, दरबार के रूप में माता के पंडालों को तैयार किया जा रहा है। पंडालों में भव्यता देने के लिए ऊपर अलग से तैयार किया गया गुम्मद रखा जाएगा। रंग-बिरंगे कपड़ों से सजावट व झूमरों से पंडालों में रोशनी होगी।
श्रीश्री सार्वजिनक दुर्गा पूजा कमेटी इस बार अपना 105वां दुर्गा महोत्सव मना रहा है। डीएवी लॉन में माता का पंडाल तैयार हो रहा है। कमेटी के नवीन शाह व पंडाल तैयार कर रहे धर्मेंद्र गुप्ता ने बताया कि इस बार पंडाल को केदारनाथ का स्वरूप दिया गया है। 60 बाई 60 फिट चौड़ा व 30 फिट ऊंचा पंडाल है।
30 फिट की ऊंचाई के बाद 14 फिट का गुम्मद रखा जाएगा, इस तरह कुल ऊंचाई 48 फिट होगी। नवीन के अनुसार सजावट के रंग-बिरंगे कपड़ों का इस्तेमाल किया जा रहा है। पंडाल में झालरों के साथ झूमर का प्रयोग रोशन के लिए किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 12 फिट की माता की प्रतिमा पंडाल में रखी जाएगी, जिसका निर्माण आर्डर देकर कराया गया है। माता की प्रतिमा मिट्टी की होगी। वहीं हीरा पन्ना गेस्ट हाउस में महल रूप में पंडाल तैयार हो रहा है। बंगाल के कारीगर पंडाल को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। पंडाल में सजावट के लिए रंग-बिरंगे कपड़े व थर्माकोल का इस्तेमाल किया जा रहा है।
कंधे पर आएंगी और जाएंगी माता
मालरोड एबी विद्यालय परिसर में श्रीश्री बारवाड़ी दुर्गा पूजा कमेटी इस बार अपना 160वां दुर्गा महोत्सव मना रहा है। कमेटी के अविक घोष ने बताया कि हमारी दुर्गा पूजा पारंपरिक और सबसे पुरानी है। खासियत यह है कि माता कंधे पर सवार होकर आती हैं और कंधे पर ही सवार होकर जाती हैं।
विद्यालय परिसर में दरबार में रूप में माता का पंडाल तैयार हो रहा है। इस बार 11 फिट की मूर्ति बंगाल से आए कारीगरों ने तैयार की है। जिसका वजन करीब सवा टन का है। पूजा विशेष होती है। मूर्ति स्थापना के बाद प्रतिदिन आरती, भजन आदि धार्मिक कार्यक्रम होंगे। मूर्ति विसर्जन यात्रा 12 अक्टूबर को निकलेगी।