पीलीभीत: टाइगर कंर्जवेशन फाउंडेशन की शासी निकाय बैठक में ये प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास...99 लाख रुपये होंगे खर्च
पीलीभीत, अमृत विचार। वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना की अध्यक्षता में पीलीभीत टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन के शासी निकाय की पहली बैठक हुई। बैठक में अपर मुख्य सचिव, प्रधान मुख्य संरक्षक समेत नामित कार्यकारिणी के सदस्यों ने हिस्सा लिया। बैठक में कई महत्वपूर्ण सुझाव रखे गए। इस दौरान ईको विकास संबंधी, ईको पर्यटन को बढ़ावा देने, वेटलैंडों के रखरखाव, सूचना तंत्र विकसित करने आदि के लिए करीब 99 लाख रुपये व्यय के प्रस्ताव रखे गए। जिन्हें सर्वसम्मति से पास कर दिया गया।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व मुख्यालय के सभागार में गुरुवार सायं वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना की अध्यक्षता में टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन के शासी निकाय की पहली बैठक संपन्न हुई। बैठक में वित्तीय वर्ष 2024-25 में टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन में प्राविधानित विभिन्न क्षेत्रों में होने कार्यों संबंधी प्रस्तावों पर चर्चा हुई। इसमें पीटीआर एवं निकटवर्ती क्षेत्रों के प्राकृतिक वातावरण को सुरक्षित रखने में सहयोग करने संबंधी कार्य, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक विकास को प्रोत्साहित करने संबंधी कार्य एवं इससे संबंधित आवश्यक संसाधनों के जुटाने पर होने वाले खर्च पर चर्चा की गई।
इसके अलावा हाथियों के कैंप रखरखाव, वाहनों का रखरखाव एवं इन संसाधनों के रखरखाव में प्रयुक्त होने वाले मानव संसाधन आदि पर भी चर्चा की गई। बताया गया कि उपरोक्त मदों पर होने वाला खर्च प्रोजेक्ट टाइगर योजना द्वारा दिया जाता है, लेकिन धनराशि समय से प्राप्त नहीं होती है। जिससे कार्य प्रभावित होते हैं। इसमें फाउंडेशन की धनराशि से खर्च किया जा सकता है। जिसकी प्रतिपूर्ति बाद में प्रोजेक्ट टाइगर योजना के अंतर्गत धनराशि प्राप्त होने पर की जा सकेगी। बैठक में ईको पर्यटन, ईको विकास, अनुसंधान, पर्यावरणीय शिक्षा, प्रशिक्षण, प्रबंधन आदि पर चर्चा करते हुए इस पर होने वाले व्यय संबंधी प्रस्ताव रखे गए।
जिन्हें सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। बैठक में विधायक बाबूराम पासवान, टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन के उपाध्यक्ष एवं अपर मुख्य सचिव वन मनोज सिंह, सदस्य सचिव एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव संजय श्रीवास्तव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील चौधरी, अपर मुख्य वन संरक्षक प्रोजेक्ट टाईगर ललित वर्मा, मुख्य वन संरक्षक/फील्ड डायरेक्टर विजय सिंह, हरीश गुलेरिया, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया कोऑर्डिनेटर डॉ. मुदित गुप्ता, डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह आदि मौजूद रहे।
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