हल्द्वानी: बिना भवन और स्टाफ के हो रहे पैरामेडिकल कोर्सेज में प्रवेश

हल्द्वानी: बिना भवन और स्टाफ के हो रहे पैरामेडिकल कोर्सेज में प्रवेश

हल्द्वानी, अमृत विचार। राजकीय मेडिकल कॉलेज में पैरामेडिकल कोर्सेज में प्रवेश हो रहे हैं, लेकिन विद्यार्थियों के लिए भवन, हॉस्टल और स्टाफ की सुविधा नहीं है। जबकि विद्यार्थियों से कोर्स के एवज में शुल्क लिया जाता है।

साल 2020-21 में राजकीय मेडिकल कॉलेज में पैरामेडिकल कोर्स का संचालन शुरू हुआ था। कोर्स के लिए एक छात्र को सालाना 50 हजार रुपये तक शुल्क देना होता है। इतनी भारी धनराशि का भुगतान करने के बाद भी पैरामेडिकल के छात्र-छात्राओं के पास न तो पढ़ाई के लिए अलग से भवन है और न ही हॉस्टल की सुविधा है। इस वजह से छात्र-छात्राओं को बाहर किराए पर रहकर पढ़ाई करनी पड़ती है जो काफी महंगा पड़ता है। यहां जरूरी स्टाफ की भी कमी है।

मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के अनुसार पैरामेडिकल कोर्सेज संचालन के लिए करीब 10 फैकल्टी की जरूरत है। चिकित्सा शिक्षा निदेशालय में प्रस्ताव भेजे जाने के बाद अभी तक फैकल्टी नहीं मिली है। फिलहाल एमबीबीएस कोर्स के संचालन के लिए मौजूद स्टाफ से ही पैरामेडिकल कोर्सेज का संचालन किया जा रहा है। जिस वह से स्टाफ के ऊपर दोहरा दबाव पड़ रहा है। प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि स्टाफ के लिए कहा गया है। उम्मीद है कि शीघ्र ही उसकी नियुक्ति हो जाएगी। 
99 सीटों में अब तक 72 प्रवेश हुए
पैरामेडिकल कोर्सेज के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज में 99 सीटें हैं। अभी तक इनमें 72 छात्र-छात्राएं प्रवेश ले चुके हैं। पैरामेडिकल कोर्सेज में करीब 200 छात्र-छात्राएं अध्ययन कर रहे हैं।