Unnao: युवक ने जिलाधिकारी कार्यालय में आत्मदाह का किया प्रयास, इस वजह से चल रहा था परेशान...जानिए पूरा मामला
उन्नाव, अमृत विचार। सदर कोतवाली क्षेत्र के पूरन नगर निवासी युवक हॉउस लोन की किस्त जमा करने के बाद भी लोन कंपनी के कर्मचारियों द्वारा जबरन परेशान किये जाने से त्रस्त होकर एडीएम कोर्ट में न्याय की मांग की थी। एडीएम कोर्ट में पांच वर्ष से मुकदमा चल रहा है।
लेकिन न्याय न मिलने से परेशान युवक ने शनिवार दोपहर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर आत्मदाह का प्रयास किया। जिस पर कार्यालय में मौजूद पुलिस कर्मियों ने उसे पकड़ लिया और नगर मजिस्ट्रेट ने युवक की समस्या सुनकर न्याय दिलाने का आश्वाशन दिया।
बता दें कि पूरन नगर निवासी विमलेश शुक्ला ने मकान खरीदने के लिए 9.62 लाख रुपये का लोन लिया था। जिसकी महीने की क़िस्त 15 हजार रुपये थी। वहीं युवक द्वारा क़िस्त जमा करने के बाद भी सब्सिडी नहीं दी गई। सब्सिडी दिलाने का दिलासा देकर कंपनी अधिकारी छह किस्तें देने तक बराबर टालते रहे। वहीं सब्सिडी न देने के साथ ही क़िस्त की रकम भी बढ़ा दी गई।
परेशान युवक ने इसकी शिकायत बैंक अफसरों से की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। आरोप है कि साथ ही लोन कंपनी के दाताओं ने यह भी कहा कि योगी-मोदी किसी के पास चले जाओ तुम्हें तुम्हारें घर में रहने नहीं देंगे और उसके घर में ताला डाल देंगे। पीड़ित ने कंपनी कर्मियों पर पत्नी से मारपीट करने का भी आरोप लगाया। वहीं, इसका विरोध करने पर जान से मारने की धमकी देने की भी बात कही।
न्याय न मिलने से परेशान युवक एडीएम कोर्ट पहुंचा जहां करीब पांच वर्षों से एडीएम कोर्ट के युवक न्याय के लिए चक्कर लगा रहा था। न्याय न मिलने से निराश युवक शनिवार को जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा और खुद को आग लगाने का प्रयास करने लगा। कार्यालय में मौजूद पुलिस कर्मियों ने उसे आत्मदाह करने से रोक लिया।
सूचना पर कार्यालय में मौजूद नगर मजिस्ट्रेट राजीव राज मौके पर पहुंचे और उसे न्याय दिलाने का भरोसा दिया और मामले की जांच करने की बात कही। इस मामले को लेकर जिलाधिकारी गौरांग राठी ने कहा कि एक महिला और पुरुष ने कार्यालय के बाहर आत्मदाह की कोशिश की है। संज्ञान में आया है कि बैंक द्वारा उनसे धोखाधड़ी की जा रही है।
इस मामले में 7 अगस्त 2024 को सदर कोतवाली में एक एफआईआर पहले ही दर्ज हो चुकी है। जिसकी विवेचना चल रही है। कहा कि यह देखा जाएगा कि इनको किस प्रकार से निःशुल्क विधिक सहायता देकर उनके आय के अनुसार किस्तें बंधवाकर मदद कराई जायेगी। मामले की जांच के लिए टीम बना दी गई है।