हल्द्वानी: एसटीएच में न्यूरोसर्जन नहीं, ओपीडी बंद, यूरोलॉजी में भी एक ही ओपीडी होने से मरीज परेशान

हल्द्वानी: एसटीएच में न्यूरोसर्जन नहीं, ओपीडी बंद, यूरोलॉजी में भी एक ही ओपीडी होने से मरीज परेशान

हल्द्वानी, अमृत विचार। डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल में दो वरिष्ठ न्यूरोसर्जन अवकाश पर होने की वजह से न्यूरोसर्जरी की ओपीडी बंद है। मरीज परेशान हो रहे हैं। अस्पताल प्रशासन के अनुसार शीघ्र ही डॉक्टरों के आने के बाद मरीजों को देखना शुरू किया जाएगा।

एसटीएच में न्यूरोसर्जन डॉ. अभिषेक राज और डॉ. अमित देवल अवकाश पर चल रहे हैं। ये दोनों ही अस्पताल के वरिष्ठ न्यूरोसर्जन हैं। हालांकि दोनों ही इस समय किन्हीं कारणों से अवकाश पर चल रहे हैं। दोनों के ही अवकाश पर जाने की वजह से न्यूरोसर्जरी की ओपीडी बंद है।

रोजाना ओपीडी में आ रहे मरीज परेशान हो रहे हैं। लोगों को निजी अस्पताल में जाना पड़ रहा है। जहां सामान्य तौर पर न्यूरोसर्जन की ओपीडी का शुल्क 500 से 800 रुपये तक होता है। इस वजह से अस्पताल में न्यूरोसर्जरी विभाग में ऑपरेशन भी नहीं हो रहे हैं। मरीजों को आगे की तिथि दी गई है। साथ ही मरीजों को दूसरे अस्पतालों में रेफर भी किया जा रहा है। प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि सोमवार से न्यूरोसर्जरी की ओपीडी शुरू हो जाएगी। 

यूरोलॉजी विभाग में एक ही ओपीडी होने से मरीज परेशान
हल्द्वानी, अमृत विचार: डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल में में पथरी के ऑपरेशन के लिए मरीजों को दो महीने आगे तक की तारीख मिल रही है। यूरोलॉजी विभाग में एक ही ओटी है। जिस वजह से सप्ताह में दो ही दिन ऑपरेशन होते हैं। 
यूरोलॉजी विभाग में दो ऑपरेशन थियेटर हैं, इनमें से एक ओटी को बंद किया गया है। केवल एक ही ओटी में ऑपरेशन होते हैं लेकिन वह भी सप्ताह में केवल दो ही दिन होते हैं।

अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग में रोजाना ही 100 से ज्यादा मरीज आते हैं लेकिन ऑपरेशन की नौबत आने पर उन्हें प्रतिक्षा करनी पड़ रही है। यूरोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मण पाल ने दोनों ओटी शुरू करवाने की मांग को लेकर प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी को भी पत्र लिखा है। कहा कि यूरोलॉजी में पथरी और प्रोस्टेट के ऑपरेशन के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। विभाग में एक और डॉक्टर और आ गए हैं ऐसे में ऐसे में ओपीडी और ऑपरेशन दिवस बढ़ाने से मरीजों को लाभ होगा। 

ओपीडी काउंटर के सिस्टम में बदलेगा सॉफ्टवेयर
डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल के ओपीडी काउंटर में लगे सिस्टम का सॉफ्टवेयर बदला जाएगा। यह सॉफ्टवेयर साल 2004 का है। इसे अब बदलकर इसकी जगह नया साफ्टवेयर लगाया जाएगा। हालांकि बिलिंग काउंटर के सॉफ्टवेयर की वजह से मरीजों की लंबी कतार लगना जारी है।